देवताओं के गुरुदेव बृहस्पति को कुंडली में शुभ कैसे बनाएं, आइए जानें सरल उपाय
एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:।'
तांत्रिक मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।'
जप संख्या- 19,000 (19 हजार)।
(कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है।)
दान सामग्री- पीला वस्त्र, स्वर्ण, पुखराज, हल्दी की गांठ, गाय का घी, चने की दाल, केसर, पीले पुष्प, पीले फल।
दान का समय- संध्या।
हवन हेतु समिधा- पीपल।
औषधि स्नान- हल्दी, शहद, गिलोय, मुलेठी, चमेली के पुष्प मिश्रित जल से।
अशुभ प्रभाव कम करने हेतु अन्य उपयोगी उपाय।
* गुरुवार (वीरवार) को किसी वृद्ध ब्राह्मण को बूंदी के लड्डू दान करें।