तांत्रिक मंत्र- 'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।'
जप संख्या- 17,000 (17 हजार)।
(कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है।)
दान सामग्री- काला वस्त्र, काले तिल, लहसुनिया, कंबल, सुगंधित तेल, उड़द, कालीमिर्च, सप्त धान्य, लोहा, छाता।
* पक्षियों को 7 प्रकार का अनाज चुगने के लिए डालें।
* बुधवार को प्याज व लहसुन बहते जल में प्रवाहित करें।
* 5 कील, चूने के 5 पत्थर, काले-सफेद रंग मिश्रित वस्त्र में बांधकर अपने ऊपर से उतारकर बहते जल में प्रवाहित करें।
* भिखारियों को कंबल दान करें।
* बकरा/ बकरी दान करें।
* केतु यंत्र को अष्टधातु के पत्र पर उत्कीर्ण करवाकर नित्य उसकी पूजा करें।