वासंती नवरात्रि कहे जाने वाले चैत्र नवरात्रि का तंत्र-मंत्र में विशेष ही महत्व माना गया है। अक्सर तांत्रिक लोग किसी सिद्धपीठ में जाकर 9 दिनों तक तांत्रिक साधना करते हैं। इसमें किसी भी मंत्र का अनुष्ठान करने से यथाशीघ्र सफलता मिलती है।
शत्रु अधिक परेशान करते है तब मां बगुलामुखी की साधना कर उन्हें परास्त किया जा सकता है लेकिन यह साधना कठिन है।
साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पीले वस्त्रों का प्रयोग करना अनिवार्य होता है। साथ ही पीली हल्दी की माला, पीले पुष्प एवं पीला ही आसन का प्रयोग करना चाहिए। एक निश्चित समय पर ही मंत्रानुष्ठान करना चाहिए।
इस प्रकार मंत्र जाप करने से घोर शत्रु भी अनुकूल हो जाता है।
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किसी को अनुकूल बनाना हो तो वशीकरण मंत्रों का भी प्रयोग कर सकते हैं।
मंत्र : कामिया सिन्दूर-मोहन मंत्र
हथेली में हनुमंत बसै, भैरू बसे कपार। नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार। मोहन रे मोहंता वीर, सब वीरन में तेरा सिर। सबकी नजर बांध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊं तुझे। तेल-सिन्दूर कहां से आया? कैलास-पर्वत से आया। कौन लाया, अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया। काला, गोरा, तोतला- तीनों बसे कपार। बिंदा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल। दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए। सत्य नाम, आदेश गुरु की। सत् गुरु, सत् कबीर।
विधि : सिन्दूर पर लगातार 7 रविवार तक उक्त मंत्र का 108 बार जप करें। इससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय सिन्दूर पर 7 बार उक्त मंत्र पढ़कर अपने माथे पर टीका लगाएं। ‘टीका’ लगाकर जहां जाएंगे, सभी वशीभूत होंगे।
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सर्वजग सम्मोहन तंत्र : -
तुलसी के चूर्ण में सहदेई के रस को मिलाकर माथे पर तिलक करें। यदि ऐसा तिलक करके आप किसी सभा अथवा पार्टी में जाते हैं तो सभी आपसे प्रभावित रहेंगे। यदि आप किसी एक व्यक्ति को ही आकर्षित करना चाहते हैं तो भी उसके सम्मुख यही टीका लगाकर जाएं, सफलता मिलेगी।
विधि : - सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उक्त मंत्र का 1008 बार जप प्रतिदिन 9 दिन तक करने से ‘आकर्षण’ का कार्य सफल होता है।
मंत्र भलाई के लिए होते हैं न कि किसी को क्षति पहुंचाने के लिए। यदि कोई किसी के नुकसान के लिए प्रयोग करता है तो सबसे पहले उसी का नुकसान होता है, क्योंकि मन की शक्ति सबसे बड़ी होती है।