मंगलवार, 15 अप्रैल 2014 को हनुमानजी की जयंती पंचांगों द्वारा मानी गई है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तथा कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी- ग्रंथों के हिसाब से यह दोनों ही श्री हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाते हैं।
हनुमान चालीसा की हर चौपाई ही मंत्र है। इनका जप कर अपनी समस्या का निवारण किया जा सकता है। रुद्राक्ष की माला पर हर मंत्र श्रद्धानुसार जपें।
(1) बल-ज्ञान-बुद्धि पाने के लिए-
'महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।'
'राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।'
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(5) संकटों से मुक्ति के लिए-
'संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमंत बलबीरा।।'
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(6) भूत-प्रेत-भय से मुक्ति के लिए-
'भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।'
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(7) कठिन कार्य करने के लिए-
'दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।'
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(8) हनुमानजी एवं गुरु कृपा प्राप्त करने हेतु-
'जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।'
अपनी आवश्यकतानुसार मंत्र चुनकर हनुमानजी का पूजन कर घी, तिल, जौ, गुग्गल, लोभान, पंचमेवा, मिश्री मिलाकर यथाशक्ति जप कर बाद में हवन में 108 आहुति डालें। मंत्र पढ़कर 'स्वाहा' का उच्चारण करें तथा बाद में नित्य एक माला जपें, कार्य निश्चित होगा। पश्चात बटुक भोजन करवाएं।
शांति प्राप्त करने हेतु एक सरल मंत्र है जिसके प्रयोग से शिव-हनुमान तथा रामचन्द्रजी की कृपा एकसाथ मिल जाती है।