साढ़ेसाती शब्द पढ़कर या सुनकर ऐसा लगता है कि यह कोई भयावह सी दशा होगी। लेकिन सच तो यह है कि इसके बारे में भ्रांतियां अधिक प्रचलित है। वास्तव में साढ़ेसाती के दौरान अगर बुरे कर्मों से बचा जाए और अच्छे शुभ कर्म किए जाए तो यही साढ़ेसाती उतरते समय दोगुना लाभ देकर जाती है। कई साढ़ेसाती तो अच्छे कर्मों के फल के रूप में करोड़पति भी बना देती है। अगर साढ़ेसाती के दौरान शनि का वैदिक मंत्र नियमित जपा जाए तो भी मनचाहा लाभ प्राप्त होगा।
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श्री शनि वैदिक मंत्र
ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः।
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इस मंत्र का 23000 हजार जप करने से साढे़साती शनि का दुष्प्रभाव शांत हो जाता है।
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श्री शनि पौराणिक मंत्र :
श्री नीलान्जन समाभासं ,रवि पुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं, तं नमामि शनैश्चरम ।।
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इस मंत्र का जाप करने से शनि की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
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श्री शनि बीज मंत्र
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ॐ शं शनैश्चरायै नम:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
विशेष : यह सभी मंत्र शनिवार को जपना आरंभ करें। साढ़ेसाती के भय से मुक्ति पाने का और शनि की कृपा पाने का इससे सरल कोई उपाय नहीं है।