सरस्वती देवी के अत्यंत छोटे सरल मं‍त्र

सरस्वती देवी के मंत्र बहुत फलदायी कहे गए हैं। इनके द्वारा विधि-विधान से सरस्वती साधना करके अनेक महापुरुष परम प्रज्ञावान हो चुके हैं। सरस्वती साधक को शुद्ध आचरण करते हुए निम्न मंत्रों में से किसी एक मंत्र का 108 बार जाप नियमित करना चाहिए। इससे साधक को बुद्धि, विद्या और अच्छा स्वास्थ्य सभी कुछ प्राप्त होता है....

एकाक्षर सरस्वती मंत्र
ऐं

द्वयक्षर सरस्वती मंत्र
1 आं लृं
2 ऐं लृं

त्र्यक्षर सरस्वती मंत्र
ऐं रुं स्वों।

चतुर्क्षर सरस्वती मंत्र
ॐ ऐं नमः।


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नवाक्षर सरस्वती मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः

दशाक्षर सरस्वती मंत्र
1. - वद वद वाग्वादिन्यै स्वाहा
2.- ह्रीं ॐ ह्रसौं ॐ सरस्वत्यै नमः।

एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र
1.- ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।
2.- ऐं वाचस्पते अमृते प्लुवः प्लुः
3.- ऐं वाचस्पतेऽमृते प्लवः प्लवः।

एकादशाक्षर-चिन्तामणि-सरस्वती मंत्र
ॐ ह्रीं ह्स्त्रैं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।


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एकादशाक्षर-पारिजात-सरस्वती मंत्र
1.- ॐ ह्रीं ह्सौं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः
2.- ॐ ऐं ह्स्त्रैं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।

द्वादशाक्षर सरस्वती मंत्
ह्रीं वद वद वाग्-वादिनि स्वाहा ह्रीं

अन्तरिक्ष-सरस्वती मंत्
ऐं ह्रीं अन्तरिक्ष-सरस्वती स्वाहा।

षोडशाक्षर सरस्वती मंत्र
ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा

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