भौमवती अमावस्या : पितृ शांति के लिए 2 जुलाई को आजमाएं ये 9 आसान उपाय

मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2019 में आषाढ़ मास को आने वाली भौमवती अमावस्या 2 जुलाई, मंगलवार के दिन है। शास्त्रों के अनुसार यह तिथि अत्यंत पवित्र मानी गई है। इस दिन विशेष तौर पर पितरों की शांति के उपाय किए जाते हैं। 

 
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार वर्षभर में प्रत्येक मास में एक अमावस्या होती है। आषाढ़ के मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन-अर्चन करने से मनुष्य पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है तथा पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। 
 
इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंड दान तथा दान देने का भी खास मह‍त्व है। इतना ही नहीं इस दिन मंगलवार होने के कारण हनुमानजी और मंगल देवता की उपासना करना बहुत ही लाभदायी माना गया है। जो लोग कर्ज, ऋण आदि से निरंतर परेशान रहते हैं, उन्हें इस दिन रामभक्त हनुमानजी की आराधना विशेष तौर पर करना चाहिए। 
 
विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ-साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, ऋषि तृप्त होकर प्रसन्न होते है तथा सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं। आइए जानें इस अमावस्या के खास उपाय :-
 
आज के दिन ये करें उपाय :
 
1. अमावस्या को दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। 
 
2. कर्ज बढ़ जाने ऋणमोचक मंगल स्रोत का पाठ स्वयं करें या किसी युवा ब्राह्मण सन्यासी से कराएं।
 
3. 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
 
4. अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है। 
 
5. इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें। 
 
6. कोई भी रोग होने पर गुड़ व आटा दान करें।
 
7. इस दिन पितृसूक्त तथा पितृस्तोत्र का पाठ करना चाहिए। 
 
8. विद्या की प्राप्ति हेतु रेवड़ी को मीठे जल में प्रवाहीत करें।

 
9. घर में क्लेश हो तो उसकी शांति हेतु जल में लाल मसूर बहाएं।
 
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