चंद्र ग्रहण को मंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। ग्रहण काल में किसी भी एक मंत्र को, जिसकी सिद्धि करना हो या किसी विशेष प्रयोजन हेतु सिद्धि करना हो, जप सकते हैं। ग्रहण काल में मंत्र जपने के लिए माला की आवश्यकता नहीं होती बल्कि समय का ही महत्व होता है।
16 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। इस दिन गुरु पूर्णिमा का भी योग बन रहा है। चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1:31 बजे से आरंभ होगा, जिसका मोक्ष 17 जुलाई को सुबह 4:31 बजे होगा। चंद्र ग्रहण की पूरी अवधि कुल तीन घंटे की होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका के कई देशों में भी दिखाई देगा।
निम्नलिखित मंत्रों का ग्रहणावधि तक लगातार जप करें-
1. यदि आपके शत्रुओं की संख्या अधिक है व आप परेशान हैं तो बगुलामुखी का मंत्र जाप करें। मंत्र इस प्रकार है-
इसमें 'सर्वदुष्टानां' की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें।
कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्ज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में मन लगता है व ध्यान भी नहीं भटकता है।