धन्वंतरि का यह पौराणिक स्तोत्र देगा धन, आरोग्य, सुंदरता और समृद्धि का आशीर्वाद

भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन अखंड लक्ष्मी का वरदान देते हैं। स्थायी समृद्धि का आशीष देते हैं लेकिन उन तक आपकी आराधना भी तो पंहुचनी चाहिए।

वेबदुनिया के पाठकों के लिए हम लाए हैं वह पौराणिक-स्तवन-मंत्र-स्तोत्र जिसे धनतेरस(धन त्रयोदशी) के दिन पढ़ने से धन, आरोग्य, सुदंरता और समृद्धि का आशीर्वाद निश्चित रूप से मिलता है... 
 
शंखं चक्रं जलौकादधतम्-
अमृतघटम् चारूदौर्भिश्चतुर्भि:।
 
सूक्ष्म स्वच्छ अति-हृद्यम् शुक-
परि विलसन मौलिसंभोजनेत्रम्।।
 
कालांभोदोज्वलांगं कटितटविल-
स: चारूपीतांबराढ़यम्।
 
वंदे धन्वंतरीम् तम् निखिल
गदम् इवपौढदावाग्रिलीलम्।।
 
यो विश्वं विदधाति पाति-
सततं संहारयत्यंजसा।
 
सृष्ट्वा दिव्यमहोषधींश्च-
विविधान् दूरीकरोत्यामयान्।।
 
विंभ्राणों जलिना चकास्ति-
भुवने पीयूषपूर्ण घटम्।
 
तं धन्वंतरीरूपम् इशम्-
अलम् वन्दामहे श्रेयसे।।
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