मंदिर, दरगाह, बाबा, ज्योतिष, गुरु, देवी-देवता आदि सभी जगहों पर भटकने के बाद भी कोई शांति और सुख नहीं मिलता और संकटों का जरा भी समाधान नहीं होता है, साथ ही मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा हो तो सिर्फ हनुमान की भक्ति ही बचा सकती है।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमानजी की कृपा पाने की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन संध्यावंदन के साथ हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। संध्यावंदन घर में या मंदिर में सुबह-शाम की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार कलयुग में हनुमानजी की भक्ति को सबसे जरूरी, प्रथम और उत्तम बताया गया है लेकिन अधिकतर जनता भटकी हुई है। भटके हुओं को राह पर लाना भी पुण्य है।
अत: प्रतिदिन सुबह और संध्यावंदन के समय पवित्र भावना और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जो हमें हर तरह की जानी-अनजानी होनी-अनहोनी से बचाती है।