* इस मंत्र से दें सूर्य देवता को अर्घ्य, होगी विशेष लाभ की प्राप्ति
सूर्य की उपासना करने वाले जातक नित्य प्रातः तांबे के लोटे में शुद्ध जल भर लें। फिर सूर्य देवता के सम्मुख खड़े होकर दोनों हाथों से लोटे को ऊंचा उठाकर अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य के जल में (विशेष रूप से रविवार को) लाल पुष्प, अक्षत, कुंमकुंम डालने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
सूर्य देवता को अर्घ्य जब दे रहे हैं, तब यह मंत्र आह्वान करने का संकल्प लेना चाहिए -
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!
अर्थ- हे सहस्त्रांशो! हे तेजो राशे! हे जगत्पते! मुझ पर अनुकंपा करें। मेरे द्वारा श्रद्धा-भक्तिपूर्वक दिए गए इस अर्घ्य को स्वीकार कीजिए, आपको बारंबार शीश नवाता हूं।
वैसे इन मंत्रों के आह्वान में भी दिव्य शक्ति विद्यमान है, जो ये हैं-
* ॐ आरोग्य प्रदायकाय सूर्याय नमः।
* ॐ हीं हीं सूर्याय नमः।
* ॐ आदित्याय नमः।
* ॐ घ्रणि सूर्याय नमः।
इस प्रकार सूर्य नमस्कार एवं सूर्योपासना द्वारा शरीर को स्वस्थ, सुखी, समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है तथा विशेष लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।