घर पर भी की जा सकती है कालसर्प दोष की पूजा

कालसर्प दोष की पूजा के लिए नासिक नहीं जा सकते हैं तो यह लेख आपके लिए है... 
 


 
प्रत्येक सोमवार को प्रातः सूर्योदय के समय 1 घंटे के भीतर स्नान से निवृत्त हो शुद्धिपूर्वक शिवलिंग पर 11 अक्षत यानी साबुत चावल के दाने 'श्री राम' का उच्चारण करते हुए अर्पित करें एवं मन ही मन अपनी विशेष इच्छा का स्मरण करें। लगातार 11 सोमवार ऐसा करने से अवश्य ही वह कार्य आश्चर्यजनक रूप से संपन्न होगा। 
 
कालसर्प योग
 
जिनकी पत्रिका में कालसर्प योग है या जिन्हें पितृदोष है और जो आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारण से नासिक या किसी तीर्थ क्षेत्र में जाकर पूजन नहीं कर सकते हैं उनके लिए यह अचूक उपाय है। 
 
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एक ही समय एक ही स्थान पर किसी शिवलिंग के ऊपर एक मुट्ठी साबुत गेंहू, एक श्रीफल व एक सिक्का 1, 2, 5, या 10 का जो व्यवहार में प्रचलित हो अर्पण करें। मंत्र 'श्री राम' किन्तु जो सिक्का प्रथम सोमवार को लिया है वही संख्या वाला सिक्का हर बार लेना है। 
 
प्रथम गेंहू को अर्पण करें। फिर श्रीफल एवं उस पर सिक्का रख कर अर्पण करें। इस पूरी क्रिया के दौरान श्री राम का जप निरंतर करते रहें। 
 
यह एक चक्र 21 सोमवार तक करें। 21-21 के तीन चक्र संपन्न करें। इसमें 21 सोमवार के बाद एक सोमवार को नागा कर सोमवार से आरम्भ करें। 

 

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