धन की हर समस्या से मुक्ति देते हैं यह कुबेर मंत्र

धन त्रयोदशी के दिन कुबेर मंत्र और पूजन का महत्व 


 

धन के अधिपति कुबेर को धन त्रयोदशी के दिन पूजने के विशेष महत्व है। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के एकमात्र वे ही अध्यक्ष हैं। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी कहे गए हैं। इन्हें मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान है। अन्य सभी मंत्रों से भिन्न, कुबेर मंत्र को दक्षिण की और मुख करके सिद्ध करने की परंपरा है। 
 

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विलक्षण कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:। 
 
विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:बृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग: 
 
यह मंत्र जाप शिव मंदिर में करना श्रेष्ठ रहता है। बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के समीप बैठ कर करने से उत्तम फल मिलता है। 
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कुबेर का विलक्षण सिद्ध मंत्र-
 
* मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरुडरत्नानिभं निधिनाकम।
शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम।।
 
* कुबेर का अष्टाक्षर मंत्र- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:
 
* कुबेर का षोडशाक्षर मंत्र- ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।
 
* कुबेर का प्राचीन दिव्य मंत्र- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धिम् देहि दापय दापय स्वाहा।

 

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