पौराणिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष का उद्भव शिव के नेत्रों से हुआ है। ये रुद्राक्ष इतने ज्यादा प्रभावशाली होते हैं कि ये हमें सफलता, धन, संपत्ति, मान-सम्मान, वैभव-समृद्धि आदि सभी कुछ देने की क्षमता रखते हैं। ये रुद्राक्ष हमारी हर तरह की समस्या को दूर करने में सक्षम हैं।
रुद्राक्ष भगवान शिव की प्रिय चीज मानी जाती है और रुद्र भगवान शिव का ही दूसरा नाम है। आइए हम यहां जानते हैं 21 मुखी रुद्राक्ष, उनके देवता और उन देवी-देवता को प्रसन्न करने के चमत्कारिक मंत्र-
रुद्राक्ष के प्रमुख देवता और उनके प्रिय मंत्र :-
1 मुखी रुद्राक्ष के देवता शिव : मंत्र- ॐ नम: शिवाय। मंत्र 2- ॐ ह्रीं नम:।
2 मुखी रुद्राक्ष के देवता अर्द्धनारीश्वर : मंत्र- ॐ नम:।
3 मुखी रुद्राक्ष के देवता अग्निदेव : मंत्र- ॐ क्लीं नम:।
4 मुखी रुद्राक्ष के देवता ब्रह्मा, सरस्वती : मंत्र- ॐ ह्रीं नम:।
5 मुखी रुद्राक्ष के देवता कालाग्नि रुद्र : मंत्र- ॐ ह्रीं नम:।
6 मुखी रुद्राक्ष के देवता कार्तिकेय, इन्द्र, इन्द्राणी : मंत्र- ॐ ह्रीं हुं नम:।
7 मुखी रुद्राक्ष के देवता नागराज अनंत, सप्तर्षि, सप्तमातृकाएं : मंत्र- ॐ हुं नम:।
8 मुखी रुद्राक्ष के देवता भैरव, अष्ट विनायक : मंत्र- ॐ हुं नम:।
9 मुखी रुद्राक्ष के देवता मां दुर्गा : मंत्र- ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:, मंत्र 2- ॐ ह्रीं हुं नम:।
10 मुखी रुद्राक्ष के देवता विष्णु : मंत्र- ॐ नमो भवाते वासुदेवाय, मंत्र 2- ॐ ह्रीं नम:।
11 मुखी रुद्राक्ष के देवता एकादश रुद्र : मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विदमहे महादेवय धीमही तन्नो रुद्रः प्रचोदयात, मंत्र 2- ॐ ह्रीं हुं नम:।
12 मुखी रुद्राक्ष के देवता सूर्य : मंत्र- ॐ ह्रीम् घृणि: सूर्यआदित्य: श्रीं, मंत्र 2- ॐ क्रौं क्ष्रौं रौं नम:।
13 मुखी रुद्राक्ष के देवता कार्तिकेय, इन्द्र : मंत्र- ऐं हुं क्षुं क्लीं कुमाराय नम:, मंत्र 2- ॐ ह्रीं नम:।
14 मुखी रुद्राक्ष के देवता शिव, हनुमान, आज्ञा चक्र : मंत्र- ॐ नम:।
15 मुखी रुद्राक्ष के देवता पशुपति : मंत्र- ॐ पशुपत्यै नम: