रुद्राक्ष की माला से 10 हजार की संख्या में इस स्तोत्र का जप करें। जप का दशांश हवन करें जिसकी सामग्री काले तिल, शमीपत्र, घी, नीलकमल, खीर और चीनी मिलाकर बनाई जाए। हवन की समाप्ति पर 10 ब्राह्मणों को घी तथा दूध से निर्मित पदार्थों का भोजन कराएं। अकाल मृत्यु के नाश व कष्टों के परिहार के लिए शनि प्रतिमा का उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दान करें।
स्वर्ण, लौह धातु, नीलम रत्न, उड़द, तेल, कंबल आदि काले वस्त्र नीले फूल, भैंस या दूध देने वाली गाय (बछड़े सहित) शनि प्रतिमा का दान निम्न मंत्र का साथ ब्राह्मण को दें।