शरद पूर्णिमा की रात प्रसन्न करें इन 5 देवों को, पढ़ें विशेष मंत्र
शरद पूर्णिमा मां लक्ष्मी, चंद्र देव, भगवान शिव, कुबेर और कृष्ण की आराधना करने का शुभ पर्व है। चंद्र की शुभ्र किरणें जब आंगन में बिखरेंगी तब बरसेगी खुशियां, और मिलेगा दिव्य लक्ष्मी के साथ इन सभी देवताओं का शुभ आशीर्वाद।
1 . शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
3 . शरद पूर्णिमा पर भगवान शिव की इस मंत्र से पूजा करें
शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें - यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला माना गया है-
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।
4. यह है रासलीला का खास गोपीकृष्ण मंत्र
कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात भगवान कृष्ण ने गोपियों संग रास रचाया था। इसमें हर गोपी के साथ एक कृष्ण नाच रहे थे। गोपियों को लगता रहा कि कान्हा बस उनके साथ ही थिरक रहे हैं। अत: इस रात गोपीकृष्ण मंत्र का पाठ करने का महत्व है।