रिश्तों को शांत और सुमधुर बनाने के लिए एक कप दूध में मीठा मिलाकर वटवृक्ष की जड़ में प्रतिदिन अर्पित करें और उस स्थान की जरा-सी गीली मिट्टी लेकर माथे या नाभि पर लगा लें। यह क्रिया सोमवार से शुरू करें और 43 दिन तक प्रतिदिन करते रहें, लाभ होगा।
सूर्यास्त पश्चात मंगलवार को गरीबों को सूजी का हलवा खाने को दें।
शुभ मुहूर्त में चांदी की अंगूठी में श्रीयंत्र धारण करें। पुरुष दाएं हाथ की तर्जनी में और स्त्रियां बाएं हाथ की तर्जनी में। प्रतिदिन प्रात: उसके दर्शन करें, अवश्य लाभ मिलेगा।