* यम देवता के नाम जलाएं दीप, नहीं रहेगा नरक का भय...
नरक चौदस का दिन नरक के देवता यम की पूजा का भी पर्व है। इस दिन शरीर पर सुगंधित द्रव्य, उबटन, अपामार्ग (अझीझाड़) से जल मार्जन व स्नान करने से नरक का भय नहीं रहता। तिल युक्त जल से स्नान कर यम के निमित्त 3 अंजलि जल अर्पित किया जाता है।
सायंकाल घर-द्वार, मंदिर, देववृक्ष व सरोवर के किनारे दीप लगाए जाते हैं। त्रयोदशी से 3 दिन तक दीप प्रज्ज्वलित करने से यमराज प्रसन्न होते हैं। अंतकाल में व्यक्ति को यम यातना का भय नहीं होता। दीपदान से यम की पूजा करने पर नरक का भय भी नहीं सताता। नरक चौदस को रूप चौदस के रूप में भी मनाया जाता है।
लक्ष्मी पूजन के एक दिन पूर्व लक्ष्मी पर्व के आगमन की प्रत्याशा में लोग सुगंधित द्रव्य युक्त जल से स्नान कर नए वस्त्र धारण करते हैं। स्वयं के रूप का निखर मां लक्ष्मी के पूजन की तैयारी करते हैं।