लक्ष्मी पूजन किसी भी प्रकार से किया जा सकता है, लेकिन विशेष पूजन हेतु भी विशेष सामग्री द्वारा ही पूजन होता है। इसमें हो सके तो मृगछाल के आसन पर विराजित होकर पद्मासन लगाकर पूर्वाभिमुख होकर शुद्ध जल को तीन बार आचमन कर मन की शुद्धि करें फिर हाथ धोएँ। उसके बाद एक अंजुरी भरकर उल्टी हथेली में जल लें फिर तीन बार नेत्रों को, तीन बार कन्धों को, तीन बार ह्रदय को छुआएँ।
इसके बाद तीन बार अपने शरीर पर जल फिराएँ। तीन बार गहरी साँस लें और छोड़ें। उसके बाद दोनों नेत्रों के मध्य पन्द्रह मिनट लक्ष्मीजी का ध्यान करते हुए अपने घर में आगमन करते हुए देखें फिर मन में पूर्ण श्रद्धायुक्त होकर ' ॐ ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा' का निरन्तर जप अधिक से अधिक करें। इस प्रकार जप करने से माँ लक्ष्मीजी की कृपा अवश्य होती है।
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लक्ष्मी पूजन में राशिनुसार आसन का प्रयोग
मेष राशि : लाल ऊन के आसन पर बैठकर लक्ष्मी पूजन करें। वृषभ राशि : सफेद चमकीले रंग के आसन का प्रयोग लक्ष्मी पूजन में करें। मिथुन राशि : हरे रंग के आसन का प्रयोग करें। कर्क राशि : सफेद ऊन के आसन का प्रयोग करें। सिंह राशि : हल्के गुलाबी रंग के आसन का प्रयोग करें। कन्या राशि : हल्के हरे रंग के आसन का प्रयोग करें। तुला राशि : चमकीले सफेद रंग के आसन का प्रयोग करें। वृश्चिक राशि : हल्के लाल रंग के आसन का प्रयोग करें। धनु राशि : नारंगी रंग के आसन का प्रयोग करें। मकर राशि : आसमानी रंग के आसन का प्रयोग करें। कुंभ राशि : फिरोजी रंग के आसन का प्रयोग करें। मीन राशि : पीले रंग के आसन का प्रयोग करें।