शनिवार विशेष : भगवान शनि के अचूक मंत्र

शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान्।
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी।


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शनिदेव का जाप मंत्र

ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:


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शनिदेव का वेद मंत्र

औम प्रां प्रीं प्रौं स: भूर्भुव: स्व: औम शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु
पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तु न:.औम स्व: भुव: भू: प्रौं प्रीं प्रां ॐ शनिश्चराय नम:


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शनिदेव का गायत्री मंत्र

ॐ कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात


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शनिदेव का महामृत्युंजय मंत्

ॐ त्र्यंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्म्त्योर्मुक्षीय याऽमृतात।।

इन मंत्रों का पूर्ण विधि-विधान से शनि-अमावस्या, शनिवार, शनि-जयंती या शनिदेव की दशा में सवा लाख जाप करें।

यदि घर पर संभव हो तो किसी ब्राह्मण या पंडित से भी करा सकते हैं। प्रतिदिन 10 माला के हिसाब से इस मंत्र का जाप 125 दिन तक करें।



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