कैसे होते हैं धनु राशि के जातक

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धनु राशि अग्नितत्व की राशि है। यह सत्वगुणी राशि है, इस राशि का स्वामी गुरु है। यह राशि पित्त प्रकृति की राशि है जो मुख्यत: जाँघों व लीवर का प्रतिनिधित्व करती है। गुरु का प्रभाव होने से ये सभी जातक महत्वाकां‍क्षी, ध्येयवादी, सहिष्णु और विद्वान होते हैं। उदारता, नवीनता की चाह और लोगों को साथ लेकर चलने में ये व्यक्ति माहिर होते हैं। समाज में 'सज्जन' और 'ज्ञानी' कहकर इनकी पहचान होती है। न्याय व कायदा पसंद होते हैं। धार्मिक प्रवृ‍त्ति होती है। 'सादा जीवन उच्च विचार' अपनाते हैं।

पुरुष : धनु राशि में पुरुष आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं। महत्वाकांक्षी उदार मन के व खिलाड़ी व्यक्तित्व के होते हैं। बेवजह दिखावा नहीं करते, मगर परंपराओं व रुढि़यों का पालन तत्परता से करते हैं। अत: कभी-कभी अडि़यल और अहंकारी प्रतीत होते हैं।

प्रवास करने का शौक होता है। माता-पिता से अति प्रेम होता है। संस्कारों को पूर्णता से सहेजते हैं, बच्चों को भी अच्छी परवरिश देते हैं। अपनी एक धारणा बनाकर उस पर चलना और लोगों पर अतिविश्वास करना इन व्यक्तियों की कमजोरी होती है।

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स्त्री : ध‍नु राशि की स्त्रियाँ बेहद मेहनती, उच्चाकांक्षी व महत्वाकांक्षी होती हैं। दिखावा पसंद नहीं करती। हर ‍परिस्थिति में सहज रहना व कम में भी गुजारा करना इनकी खूबी होती है। काम की गति तीव्र होती है। आलस शब्द इनके शब्दकोष में नहीं होता। इन्हें जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है।

नौकरीपेशा होने पर सम्मान तो बहुत मिलता है, मगर परिवार के विरोध का सामना करना पड़ता है। साथी से बेहद अपेक्षाएँ रहती है जो अक्सर पूरी नहीं होती जिससे मन खिन्न हो जाता है। बच्चों की पर‍वरिश ये स्त्रियाँ बेह‍द कुशलता से करती हैं। ज्ञानार्जन की और झुकाव रहता है।

बच्चे : धनु राशि के बच्चे तीव्र, मेधावी, खिलदंड व शैतान होते हैं। प्रवास करने, नई चीजे ढूँढ़ने का खूब शौक होता है। साहसी होते हैं, पढ़ाई करने से बचना चाहते हैं, मगर ग्रहण शक्ति अच्छी होती है।

विशेष : धनु राशि के अधिकांश व्यक्ति प्रेम विवाह की ओर रूझान रखते हैं और साहसिक कदम उठाने से चूकते नहीं हैं।

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