शनि का राशि परिवर्तन : क्या सच में कुंभ राशि के जातक को सावधान रहना होगा?
गुरुवार, 28 अप्रैल 2022 (19:14 IST)
Saturn in Aquarius 2022 : 29 अप्रैल 2022 शुक्रवार को 30 वर्ष के बाद शनि ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करने करने जा रहा है। शनि के कुंभ में प्रवेश से क्या होगा कुंभ राशि पर असर या सच में ही कुंभ राशि वालों को सतर्क या सावधान रहना होगा? आओ जानते हैं शनि की ही राशि कुंभ पर शनि के प्रभाव को।
शनि गोचर : शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं। 5 जून को कुंभ में वे वक्री चाल चलेंगे। इसके बाद 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि पूरी तरह से अगले साल यानी 17 जनवरी 2023 को मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे जहां पर ये पूरे ढाई वर्षों तक इसी राशि में रहेंगे।
कुंभ को रहना होगा सतर्क (Shani effect on kumbha rashi 2022) :
1. कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी।
2. कुंभ राशि वालों को शनि की साढेसाती से मुक्ति का प्रारंभ 3 जून 2027 से होगा।
3. कुंभ राशि वालों को शनि क साढ़ेसाती से पूर्णत: मुक्ति 23 फरवरी 2028 को मिलेगी।
4. साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण सामान्यत: अशुभ रहता है।
kumbha rashi 2022
दूसरे चरण का प्रभाव : इस चरण के दौरान आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इस चरण में शनि जातक के उदर भाव में होते हैं, तो पेट, हार्ट, किडनी से संबंधित रोग होने की संभावना बनती है। साथ ही किसी अपने से धोखा मिलने की संभावना भी बनती है। रिश्तों में दरार और अनावश्यक भय बढ़ जाता है। हालांकि यदि आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं तो बाकी सभी बातें गौण हैं।
साढ़े साती के 3 चरण ( Sade Sati ke teen charan ) : कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्यादा असर डालता है। ढाई-ढाई साल के इन 3 चरणों में से दूसरा चरण सबसे भारी पड़ता है।
साढ़े साती से बचने के उपाय ( Shani ki sade sati se bachne ke upay ) :
1. कम से कम 11 शनिवार को शनि मंदिर में छाया दान करें।
2. अंधे लोगों को समय समय पर खाना खिलाते रहें।
3. साफाईकर्मी, मजदूर और विधवाओं को कुछ न कुछ दान देते रहें।
4. हनुमान जी की शरण में रहें और नित्य हनुमान चालीसा पढ़ते रहें।
5. शराब न पीएं, ब्याज का धंधा न करें और न ही झूठ बोलें। पराई महिला पर बुरी नजर न रखें। अपने कर्मों को शुद्ध बनाकर रखें।
6. शनि मंदिर में शनि से जुड़ी वस्तुएं दान करते रहें।
7. कुत्ते, कौवे या गाय को रोटी खिलाते रहें।
8. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में दिया जलाते रहें।
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