कर्क-चारित्रिक विशेषताएँ
कर्क राशि के जातकों में निम्न चारित्रिक विशेषताएं पाई जाती हैं- चरित्र के प्रारंभिक लक्षण- अत्यधिक संवेदनशील, भावनात्मक रूप से असुरक्षित, आत्मचलित तथा विचार न करने वाला, सहज वृत्तिक, एकाग्र न होना, मां बनने तथा मातृत्व उत्तरदायित्व की चाह होना, मातृत्व पालन-पोषण की बजाय 'गला घोंटना', भावनात्मक अनुरक्ति, सुरक्षात्मक आवरण की आवश्यकता होना, वंशवादी, आग्रहशील, लोगों तथा वस्तुओं पर अत्यधिक अधिकरण, विगत घटनाओं का जारी रहना, अत्यधिक चेतना से पीड़ित होना, जैव-वैज्ञानिक समुदाय से संबद्ध होने की आवश्यकता होना, निम्न सर्वात्मवाद। चरित्र के उत्तरकालीन लक्षण- दयालु, करुणामय, दूसरों का अधिक प्यार से पालन-पोषण करना, सूर्य केंद्र के प्रेम तथा हार्दिक प्रेम से विभेद करना, भावनाओं को शांत करने में सक्षम होना, भावनाओं को निर्देशित तथा नियंत्रित करना, किसी समूह से संबद्ध होने की आवश्यकता होना, मानसिक अभिप्रायों द्वारा सहज वृत्तियों को नियंत्रित करना, अत्यधिक चेतनावस्था को स्वीकार करना। अंतःकरण के लक्षण- जैव वैज्ञानिक तथा मानव निर्मित विभेदों को समाप्त करने के लिए कार्य करना, लोगों की सहायता करने के उद्देश्य से जनसाधारण की चेतना के साथ समायोजन, उच्चतम मनोवाद (जो उच्चतर चक्रों के द्वारा उत्पन्न होता है तथा सार्वत्रिक अच्छाई के लिए इसका उपयोग होता है), मानवता के समुदाय से संबद्ध होने की जागरूकता, जनचेतना की अवस्था में कार्य करना फिर भी इससे श्रेष्ठ होना, अंतर्ज्ञान संबंधी मार्गदर्शन द्वारा जनसाधारण का विकास, सामान्य व्यक्ति, दिन-प्रतिदिन के साथ, इस ज्ञान के साथ कि हम सभी का उद्भव समान है, स्वयं को संबद्ध करना तथा स्वयं की पहचान करना, 'नए युग में जीवन (न्यूज एज लिविंग)' के लिए आवश्यक शारीरिक रचना के विनिर्माण की आवश्यकता की पहचान करना, शारीरिक जीवन की भ्रामक प्रकृति की जानकारी होना।

राशि फलादेश