मकर-चारित्रिक विशेषताएँ
चरित्र के प्रारंभिक लक्षण- सिर्फ बाह्य सांसारिक लक्ष्यों के प्रति पूर्वाभिमुखता, हठी, निश्चित रूप धारण करना, संकीर्ण मानसिकता, हृदयहीन, शुष्क स्वभाव, निष्ठुर, भयभीत, निराशावादी, दूसरों के सहारे उन्नाति करने की इच्छा करना, अत्यधिक आधिपत्यपूर्ण, उपलब्धियाँ प्राप्ति का लक्ष्य होना, अनैतिक साधनों द्वारा सफलता प्राप्ति की इच्छा करना, सत्ता की भूख, प्रतिष्ठा के प्रति सचेत होना, अत्यधिक सतर्क, कंजूस, भावनात्मक रूप से निरुद्ध। चरित्र के उत्तरकालीन लक्षण- अटल, धैर्यवान, आत्मकेंद्रित, अध्यवसायी, आगामी योजना तैयार करना, संगठित होना, आत्म नियंत्रित होना, दूसरों के प्रति जिम्मेदार, सम्मानित, नैतिक, ईमानदार, प्रेम के साथ शक्ति का उपयोग करना, भरोसा करने योग्य, दूरदर्शी, स्वयं के तथा किसी अन्य के जीवन की जिम्मेदारी की अनुभूति होना, स्वानुशासित होना। अंतःकरण के लक्षण- मानवता की अधिक भलाई करने के उद्देश्य हेतु स्वयं तथा भौतिक परिवेश पर पूर्ण नियंत्रण होना, ईश्वरीय राज्य के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में कार्य करना, आध्यात्मिक लक्ष्यों के प्रति पूर्वाभिमुखता, गतिशील विकास करने के उद्देश्य से उच्चतर ऊर्जाओं का भौतिक रूप में तत्वांतरण होना, धरती पर दैवीय इच्छा के क्रियान्वयन में सहायता करना, भौतिक परिस्थितियों में आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करने में सहायता करना, व्यक्तित्व की बजाय उच्चतर आत्मा के आधिपत्य में क्रियाशील होना।