वृषभ-स्वास्थ्य
वृषभ राशि के जातकों को विशेष रूप से पेट की कोई शिकायत रहती है। गैस्टिक दर्द, संविधात, शक्कर की बीमारी, आंखों में तकलीफ, गले में रोग आदि बीमारियां होने का भय बना रहता है। इस राशि वाले व्यक्तियों की मृत्यु अधिकतर हृदयाघात (हार्ट अटैक) होने से ही होती है। वैसे तो ये स्वस्थ ही रहते हैं लेकिन जब इनकी राशि में गोचर में अशुभ ग्रह आते हैं या शुक्र ग्रह निर्बल होता है तो शरीर में अधोलिखित रोगों के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगते हैं- वीर्य विकार, मूत्र रोग, नेत्र रोग, मुख रोग, पांडु, गुप्त रोग, प्रमेह, वीर्य की कमी, संभोग में अक्षमता, काम की अधिकता के कारण स्नायुविक दुर्बलता, मधुमेह, वात एवं श्लेष्म विकार, स्वप्न दोष, शीघ्रपतन, धातु क्षय, कफ एवं कब्ज, वायु विकार एवं कोष्ठकबद्धता आदि उत्पन्न हो जाते हैं। इनके लिए छाछ, फल, नीबू, सूखा मेवा, पालक, टमाटर आदि का सेवन लाभप्रद रहता है। वृषभ राशि वाले व्यक्ति शरीर से दुर्बल हों तो उन्हें पौष्टिक अन्न अधिक ग्रहण करना चाहिए तथा चर्बीयुक्त पदार्थ कम खाना चाहिए।