प्रिया वच्छानी उल्हासनगर

ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना, भूखी-प्यासी मैं दिनभर की बेकरार। छलनी से करूंगी साजन का दीदार, शर्म लाल होंगे तब मेरे रुखसार। पिया मिलन में देर न लगा जाना,...
क्यूं न इस दिवाली इक प्यार का दीप जलाया जाए। किसी के घर के बुझे दीप को रोशन कर अपने दीप से उसके घर को भी