रवि श्रीवास्तव

सुन प्रिये तूने क्यों ऐसा किया, क्यों प्यार हमारा भुला दिया। हर बार भरोसा दे देकर, हर बार भरोसा तोड़ा है दिल मेरा ऐसे तड़प रहा, जैसे तेल में तल रहा पकौड़ा...
आदरणीय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश को आपसे काफी उम्मीद है। देश की जनता ने सोच-समझकर और आप पर भरोसा रखकर बीजेपी को पूर्ण बहुमत से सत्ता में बिठाया...
एक हफ्ते की मोहब्बत का ये असर था, जमाने से क्या, मैं खुद से बेखबर था। शुरू हो गया था फिर, इशारों का काम, महफिल में गूंजता था, उनका ही नाम। तमन्ना थी बस...
आपस में एक-दूसरे से, हो रही क्यों जंग है? लहू तो एक रंग है, लहू तो एक रंग है। हर तरफ तो शोर है, किस पर किसका जोर है? ढल रही है चांदनी, आने वाली भोर...