सुशील कुमार शर्मा

वरिष्ठ अध्यापक, गाडरवारा
जब पहली बार प्रकाश फूटा, और समय ने चलना सीखा उससे पूर्व जो था, और उसके पश्चात भी जो रहेगा, वही आप हो महाकाल। मैंने समय को थमते देखा, क्षण को विलीन होते...
विराट कोहली का व्यक्तित्व दो छोरों पर एक साथ विचरण करता है- विनम्रता और आक्रामकता। मैदान पर उनका जोश, विरोधी को आंखों में आंखें डालकर जवाब देना और हर रन...
तुम आये, जैसे एक लंबे सूखे के बाद, पहली बार धरती पर बादल फूट पड़े हों। मैं हरा हुआ अपने ही भीतर। उस क्षण, मैंने समय को रुकते देखा घड़ियां सांसें लेने...
मैंने तुम्हें पाया नहीं, पर खो भी नहीं सका क्योंकि तुम वो स्पर्श थीं जो छू लेने के बाद भी अधूरी ही रह जाती हैं। तुम्हारा जाना कोई विदाई नहीं था, वह तो...
भीड़ में भी क्यों, दिखती है दूरी। अपनों को अपना कहना है भारी। शब्दों के धागे, रिश्तों की माला पर मन के भीतर, दिखता है हाला। मुश्किल घड़ी में सब, मोड़ते है...
नारी का अभिमान है, मांग भरा सिंदूर। यदि संकट में आ गया, सब खुशियां काफ़ूर। सब खुशियां काफ़ूर, इसे गर नहीं बचाया। जीवन होगा व्यर्थ, व्यर्थ यह नर की काया।...
पहलगाम की घाटी अब भी सिसक रही थी मासूम लहू की गंध घास में नहीं, धरती की आत्मा में उतर चुकी थी। वे आए थे बेखौफ, बेवजह और लौट गए निर्दोष लाशों की छाया छोड़कर।...
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम। दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम। सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ। लक्ष्मी का है धाम, धान्य धन सब कुछ पाओ।...
धूप की पहली किरण, उजागर करती अनगिनत चेहरे, जो झुकते हैं धरती पर, उठाते हैं भार, बनाते हैं राहें। हाथों में खुरदरापन, धमनियों में बहता पसीना, आंखों में...

प्रभु परशुराम पर दोहे

मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
परशुराम प्रभु नाम है, शक्ति शौर्य का रूप। विप्र शिरोमणि आप हैं, भार्गव वंश अनूप।। पिता जमदग्नि सुत प्रबल, मात रेणुका लाल। फरसा कर में धारते, तेज प्रचंड...

काव्य गीत : विदा

गुरुवार, 24 अप्रैल 2025
लो कर दिया सब कुछ विदा अब यादें तुम्हारी, प्रेम अपना, आज से विस्मृत किया सब। शून्य पथ के मौन तारों में तुम्हीं थे। मौज जीवन की बहारों में तुम्हीं थे। हृदय...
हे मानव मैं तुम्हारे जन्म से पूर्व भी थी और प्रलय के पश्चात भी रह जाऊंगी। मैंने अग्नि से आकार लिया, जल से जीवन और वायु से गति पाई। आज मैं बोलना चाहती हूं...
मैंने रोपा एक पौधा, मिट्टी को सहलाया प्यार से। देखा उसकी बढ़ती कोंपल, हर दिन एक नए आकार से। पानी दिया, धूप दिखाई, पूरी की उसकी हर ज़रूरत। सोचा था फूलों...

लघु कथा : मन के एकांत में

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
प्रेम कभी-कभी व्यक्त नहीं होता, पर उसका मौन भी शब्दों से कहीं अधिक मुखर होता है। यही मौन ज्योति और सुधीर के बीच वर्षों तक दीवार बनकर खड़ा रहा… और फिर एक...
भारतीय समाज की ऐतिहासिक यात्रा में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो समय की रेखाओं को मोड़कर नया इतिहास रचते हैं। डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जीवन एक ऐसी...
महू में जन्मे आप थे, जीवन था संघर्ष। छूआछूत की पीर से, मन में भरा अमर्ष। शिक्षा के हथियार से, पाया उच्च मुकाम। ज्ञान-साधना से रचा, स्वाभिमान का ग्राम।...
हनुमान जी शक्ति और भक्ति के अद्वितीय संगम हैं। उनका जीवन बताता है कि केवल बल से नहीं, बल्कि भक्ति, निष्ठा और सेवा से भी असंभव कार्यों को संभव किया जा सकता...

जय राम वीर, हनुमत प्रवीर

शनिवार, 12 अप्रैल 2025
जय राम वीर, हनुमत प्रवीर। रण रंग धीर, सब हरो पीर। जय रूद्र अंश, जय पवन वंश। जय शत्रु दंश, रघुवर प्रसंश। जय राम दूत, अक्षय प्रसूत। जय रौद्र रूप, हनुमत अनूप।...

गीत : महावीर पथ

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025
मन प्रवाहित चेतना के आधार हो गुरुवर आप धर्म अवतार हो। धर्म अध्यात्म तेज संवाहित सरल। योग निष्ठित नियम सामर्थ्य बल। नयनों में नेह सबके लिए। भेद सब आपने...

नवगीत: घना हो तमस चाहे

गुरुवार, 20 मार्च 2025
अब घना हो तमस चाहे, आंधियां कितनी चलें। हो निराशा दीर्घ तमसा, या कंटकाकीर्ण पथ हो। हो नियति अब क्रुद्ध मुझसे, या व्यथा व्यापी विरथ हो। लडूंगा जीवन समर...