New vehicle scrappage policy का नितिन गडकरी ने किया ऐलान, बताया जनता का कैसे होगा फायदा, जानिए क्या है पॉलिसी
गुरुवार, 18 मार्च 2021 (17:46 IST)
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister) ने लोकसभा में नई वाहन कबाड़ नीति की घोषणा कर दी है। गडकरी ने इसे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण सुधार करार देते हुए कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल-डीजल की खपत कम होगी। साथ ही तेल आयात में भी कमी आएगी। वाहनों की लागत 40% तक कम करने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर 4.50 लाख करोड़ रुपए का है और अगले 5 सालों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए का होने की उम्मीद है। उन्होंने दावा किया कि 5 साल में हिन्दुस्तान का ऑटोमोबाइल सेक्टर दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच जाएगा।
गडकरी ने कहा कि स्क्रैप पॉलिसी को जर्मनी, ब्रिटेन, जापान जैसे देशों के विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है। इसे आम लोगों के सुझावों के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा। नितिन गडकरी ने कहा कि इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे। उन्होंने कहा कि इसके तहत 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और वर्तमान में इनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हैं।
गडकरी ने कहा कि इससे कबाड़ धातु का रिसाइक्लिंग हो सकेगा, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी, मौजूदा वाहनों की बेहतर दक्षता के कारण ईंधन की खपत कम होगी जिससे तेल आयात में कमी आएगी और निवेश को गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. इसके अलावा, प्लास्टिक, स्टील और तांबे जैसी रिसाइक्लिंग सामग्री का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और इस प्रकार वाहनों की लागत कम हो सकती है।
गडकरी ने कहा कि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण करते हैं। ये फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं। इसलिए स्क्रैप ऐसी विन-विन पॉलिसी (Win Win Policy) होगी जिससे आम आदमी को ज्यादा फायदा होगा। प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।
गडकरी ने कहा कि नई नीति के तहत 15 साल बाद कमर्शियल वाहन (Commercial vehicles) और 20 साल बाद प्राइवेट वाहन खुद ही डी-रजिस्टर कर दिए जाएंगे। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका या सार्वजनिक संस्थानों के वाहन 15 साल बाद डी-रजिस्टर हो जाएंगे।
डी-रजिस्टर (de-registered) होने के साथ ही वाहनों को स्क्रैप (scrapped) भी कर दिया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से देश में वाहन बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वाहन उद्योग को बढ़ाएगा।