गडकरी ने लोकसभा में गुरुवार को दिए एक बयान में कहा कि सरकार पेट्रोल, डीजल आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भी काम कर रही है और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। उनका कहना था कि सरकार जिस नीति पर काम कर रही है उससे अगले 2 साल में वाहनों के संचालन पर होने वाले खर्च को 10 गुना कम किया जा सकेगा और इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले पुरोन वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी यानी कबाड़ में डालने की नीति के दायरे में 15 साल पुराने वाणिज्यिक और 20 साल पुराने यात्री वाहन आएंगे। इसके लिए वाहनों का फिटनेट परीक्षण अनिवार्य होगा और इस परीक्षण में जो वाहन मानकों के आधार पर खरे नहीं उतरेंगे, उनका चालान किया जाएगा। ऐसे वाहनों को जब्त भी किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों को कबाड़ में डालने पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा। उनका कहना था कि वे प्रयास कर रहे हैं कि ऐसे प्रमाण पत्र वाले लोगों को नया वाहन खरीदने में वाहन निर्माता कंपनियां 5 प्रतिशत तक की छूट दे। इस बारे में वे लगातार कंपनी मालिकों से बातचीत कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे वाहन निर्माता कंपनियों को भी फायदा होगा, प्रदूषण कम होगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उनका कहना था कि स्कैप पॉलिसी के दायरे में आरंभ में करीब 1 करोड़ वाहन आ सकते हैं। (वार्ता)