ऐसी मान्यता है कि बड़ी देवकाली भगवान राम की कुलदेवी थीं और यह तीन देवियों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संगम है। मंदिर के महंत सुनील पाठक ने कहा, बड़ी देवकाली के मंदिर को लेकर इस इलाके में काफी श्रद्धा है। बड़ी देवकाली भगवान राम की कुलदेवी हैं।
उन्होंने कहा, मैं एक अयोध्यावासी होने के नाते बहुत प्रसन्न हूं कि भगवान राम को उनका जन्म स्थान मिल गया। भगवान राम भारत की आत्मा हैं। मेरा मानना है कि जब राम मंदिर के दर्शन करने श्रद्धालु अयोध्या आएंगे, तो वे बड़ी देवकाली मंदिर के दर्शन करने भी जरूर आएंगे।
उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि श्रद्धालुओं को जब इस मंदिर का भगवान राम के परिवार के संबंध होने के बारे में जानकारी मिलेगी, तो वे बड़ी संख्या में यहां भी आएंगे। पाठक ने मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, भगवान राम के पूर्वज राजा रघु को सपने में देवी के दर्शन हुए थे। देवी ने उन्हें यज्ञ करवाने का निर्देश देते हुए कहा था कि युद्ध में उनकी विजय होगी। राजा रघु ने देवी के आदेश का पालन करते हुए यज्ञ करवाया और वे युद्ध में विजयी हुए, जिसके बाद उन्होंने यहां बड़ी देवकाली की मूर्ति स्थापित कराई।
पाठक ने बड़ी देवकाली की महत्ता को बताते हुए कहा, भगवान राम के जन्म के बाद उनकी माता कौशल्या पूरे परिवार के साथ मंदिर आई थीं। उसके बाद ऐसी परंपरा बन गई है कि जब किसी के घर में बच्चे का जन्म होता है, तो उस परिवार के सदस्य पहले मंदिर आकर देवी के दर्शन करते हैं। बहुत से लोग कोई नया काम शुरू करने से पहले भी मंदिर में देवी के दर्शन करने आते हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालु बहुत दूरदराज के इलाकों से अपनी समस्याएं एवं मन्नतें लेकर देवी के मंदिर में आते हैं और जब उनकी समस्याएं दूर हो जाती हैं एवं मन्नतें पूरी हो जाती हैं, तो वे देवी को धन्यवाद कहने आते हैं। पाठक ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा, बसंत, शारदीय नवरात्र और रामनवमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।(भाषा)