मकर संक्रांति (makar sankranti 2024) का पर्व पतंग के बिना अधूरा है। पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े भी बहुत उत्सुक होते हैं। मकर संक्रांति के दिन आसमान में रंग-विरंगी पतंगों का मेला होता है। साथ ही इस पर्व पर पतंग उड़ाना काफी पौराणिक मान्यता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि भगवान श्री राम ने भी अपने बच्चपन में पतंग उड़ाई थी। जी हां, प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ 'रामचरित मानस' के आधार पर श्रीराम ने अपने भाइयों के साथ पतंग उड़ाई थी। इस संदर्भ में 'बालकांड' में उल्लेख मिलता है (balkand ram charit manas)। आइए जानते हैं...
राम इक दिन चंग उड़ाई।
इंद्रलोक में पहुंची जाई।।
बड़ा ही रोचक प्रसंग है। पंपापुर से हनुमान जी को बुलवाया गया था, तब हनुमान जी बाल रूप में थे। जब वे आए, तब 'मकर संक्रांति' का पर्व था। श्रीराम भाइयों और मित्र मंडली के साथ वे पतंग उड़ाने लगे। कहा गया है कि वह पतंग उड़ते हुए देवलोक तक जा पहुंची। उस पतंग को देखकर इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी बहुत आकर्षित हो गई। वह उस पतंग और पतंग उड़ाने वाले के प्रति सोचने लगी-
जासु चंग अस सुन्दरताई।
सो पुरुष जग में अधिकाई।।
इस भाव के मन में आते ही उसने पतंग को हस्तगत कर लिया और सोचने लगी कि पतंग उड़ाने वाला अपनी पतंग लेने के लिए अवश्य आएगा। वह प्रतीक्षा करने लगी। उधर पतंग पकड़ लिए जाने के कारण पतंग दिखाई नहीं दी, तब बालक श्रीराम ने बाल हनुमान को उसका पता लगाने के लिए रवाना किया।
उस स्त्री ने पूछा कि यह पतंग किसकी है?
हनुमानजी ने रामचंद्रजी का नाम बताया। इस पर उसने उनके दर्शन करने की अभिलाषा प्रकट की।