अत: इसके लिए तमिल बोलने वालीं एक स्थानीय महिला शांति अम्मा की मदद ली गई। अम्मा ने दुभाषिए की भूमिका निभाई। अयोध्या में यह लोग राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व अन्य साधु-संतों से मिलेंगे। उनका आशीर्वाद लेंगे और उसके बाद अपने साथ लाई गईं पूजित ईंटें कारसेवकपुरम में सौंपकर वापस लौट जाएंगे, जिन ईंटों को यह अपने साथ अयोध्या लाए हैं। इन सभी ईंटों की पहले रामेश्वरम में पूजा की गई है।