सूत्रों के अनुसार, यह फैसला अयोध्या के संत-महात्माओं की शिकायत के बाद लिया गया है। संतों को आयोजन में शामिल न हो पाने पर अपनी उपेक्षा का मलाल था। पहले आयोजन स्थल पर सिर्फ 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही थी। इस कारण विभिन्न अखाड़ों, मठों व मंदिरों के संतों को इस ऐतिहासिक आयोजन से सीधे शामिल होने का अवसर नहीं मिल पा रहा था।
सवा ग्यारह बजे पहुंचेंगे पीएम : पांच अगस्त को प्रधानमंत्री 11.15 पर अयोध्या पहुंचेंगे और वहां करीब 3 घंटे रहेंगे। अयोध्या आगमन के तत्काल बाद वे रामलला के अस्थायी मंदिर में दर्शन करेंगे, उसके बाद हनुमानगढ़ी जाएंगे, फिर आयोजन स्थल पहुंचेंगे। आयोजन स्थल पर एक छोटा मंच भी बनेगा। मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अयोध्या ट्रस्ट के प्रमुख चंपतराय लोगों को इसी मंच से संबोधित करेंगे।
3 अगस्त से ही शुरू होंगे कार्यक्रम : 5 अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारंभ होगा। चार अगस्त को पुन: रामार्चा का पूजन किया जाएगा। जबकि, 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य पूजन करेंगे।