प्रधानमंत्री मोदी से अनुष्ठान कराने के लिए देशभर से विद्वान आचार्य बुलाए गए थे। पूजा-अनुष्ठान करवा रहे आचार्य भी इस ऐतिहासिक पल को लेकर बेहद खुश थे। पूजा-अनुष्ठान की दक्षिणा पर उन्होंने कहा कि किसी भी यज्ञ में दक्षिणा आवश्यक होती है। ऐसे यजमान कहां मिलेंगे हम लोगों को। यज्ञ की पत्नी का नाम दक्षिणा है, यज्ञ रूपी पुरुष और दक्षिणा रूपी पत्नी के संयोग से एक पुत्र की उत्पत्ति होती है, जिसका नाम है फल।
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिणा तो इतनी दे दी गई कि अरबों आशीर्वाद इनको प्राप्त होंगे। कुछ समस्याएं हैं भारत में अभी भी, जिन्हें दूर करने का प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है। विद्वान आचार्यों ने मीडिया से कहा कि उनका सौभाग्य है कि इस तरह के यजमान मिले हैं।