मेरठ में प्रांतीय कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में इमरान मसूद ने कहा कि राम के घर से न्योता नहीं आता बल्कि राम तो बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि राम को लेकर जो सम्मान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय के मन में है, वही इमरान मसूद के मन में भी है। वहीं ओवैसी ने बाबरी मस्जिद का नाम लिए बिना कहा कि यदि 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?
कांग्रेस बंटी : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर बंटी हुई है। पुरी ने 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर कांग्रेस नेताओं के बयानों की भी आलोचना की।
इससे पहले दिन में, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एक पूरी तरह से एक राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया है, जो शंकराचार्यों की सलाह के बिना और धार्मिक प्रक्रियाओं की उपेक्षा करके आयोजित किया जा रहा है। पुरी ने कहा कि यदि आप (कांग्रेस) नहीं जाना चाहते हैं, तो न जाएं। मुझे लगता है कि इस तरह के बयान देने से केवल दुष्परिणाम होंगे... आपको ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। वे (कांग्रेस) अपने ही जाल में उलझ रहे हैं...कांग्रेस बंटी हुई है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल : कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान और धर्मशास्त्र के हिसाब से होती है। लेकिन क्या यह कार्यक्रम धार्मिक है? अगर यह कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या यह धार्मिक विधि-विधान या धर्मशास्त्र के अनुसार किया जा रहा है और क्या यह चारों शंकराचार्यों की सलाह और उनकी देखरेख में किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि चारों शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती।
सोनिया-खरगे ने अस्वीकार किया न्योता : कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को यह कहते हुए 'ससम्मान अस्वीकार' कर दिया था कि यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम है तथा इसका उद्देश्य चुनावी लाभ लेना है।
राममंदिर के 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। राम मंदिर ट्रस्ट ने देश भर से 4000 संतों और विदेशों से 50 मेहमानों को भी आमंत्रित किया है। (एजेंसी/वेबदुनिया)