कटियार यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बाद मथुरा व काशी हमारे एजेंडे में होगा। इस पर टिप्पणी करते हुए बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने विरोध जताते हुए कहा कि फैसले का हम सभी को भी इंतजार है, लेकिन कटियार का बयान बेबुनियाद है। उन्हें भगवान सद्बुद्धि दे और अपने को वे संभालकर रखें तो बेहतर है। हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं। फैसला जो भी आएगा वह सर-आंखों पर।
सतेन्द्र दास भी नाराज : श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने कटियार के बयानों का पूर्ण समर्थन किया, किंतु राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सतेन्द्र दास ने कटियार के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हम तो शांति की बात करते हैं। कोर्ट के आदेश का हम सभी को पालन करना चाहिए। पहले राम जन्मभूमि की समस्या का समाधान हो, क्योंकि विवाद राम जन्मभूमि का ही चल रहा है।
महंत सतेन्द्र दास ने कहा कि इस प्रकार की भाषा बोलकर ही लोग मामले को बिगाड़ते रहे हैं। राजनीति के जुड़ जाने के कारण ही रामलला इतने समय से त्रिपाल में हैं। लोगों को लगता है कि हमारी राजनीति नहीं चलेगी इसीलिए ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो अनुचित है।
राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे स्वामी परमहंस ने कटियार की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि उनका बयान सभी रामभक्तों का बयान है, क्योंकि अयोध्या के साथ-साथ मथुरा व काशी हमारा अभिन्न हिस्सा है। किसी भी कीमत पर हम इसे छोड़ेंगे नहीं। हम भारतीय संस्कृति को मिटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि के साथ मथुरा, काशी और तेजो महालय जिसके इतिहास को विकृत कर 'ताजमहल' कहा जाता है, उस पर अपना हक नहीं छोड़ेंगे।