'इंडिया' गठबंधन के कई नेताओं ने घोषणा कि है कि वो कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। कांग्रेस ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी इस इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। पार्टी कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस बात के संकेत दिए हैं वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कहा जा रहा था विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने उन्हें न्यौता भेजा था। हालांकि अखिलेश का कहना है कि मैं उन्हें नहीं जनता, न कभी उनसे मुलाकात हुई। हम जिनको जानते हैं उन्हीं से व्यवहार लेते हैं।
हैरानी की बात यह है कि चारों शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बना ली है। कुछ ही दिनों पहले पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि क्या हम इस कार्यक्रम में ताली बजाने के लिए जाएंगे। शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने भी प्राण प्रतिष्ठा के तौर तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राम मंदिर का नहीं, बल्कि वोटों का है।
वहीं उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में चारों शंकराचार्य नहीं जाएंगे। मंदिर अभी पूरी तरह से बना नहीं है, इसलिए आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना धर्म संम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एंटी मोदी नहीं है लेकिन हम एंटी धर्म शास्त्र भी नहीं होना चाहते।
Edited by : Nrapendra Gupta