सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फैसला लिया गया। बैठक में शामिल 7 में से 6 सदस्यों ने पुनर्विचार याचिका का विरोध किया, जबकि सिर्फ एक सदस्य ने इसका समर्थन किया। हालांकि बैठक में मस्जिद की जमीन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को फैसला दिया था।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार देते हुए रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया।
Abdul Razzaq Khan,Sunni Waqf Board: Majority decision in our meeting is that review petition in Ayodhya case should not be filed. pic.twitter.com/pwexHmprHb
अदालत ने साथ ही मुस्लिम पक्ष को अलग से 5 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाने की बात कही थी। साथ ही राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार की देखरेख में तीन माह के भीतर एक ट्रस्ट बनाने की बात कही थी।