यौन हिंसा का कपड़े उतारकर विरोध

बुधवार, 25 अप्रैल 2012 (13:56 IST)
अफ्रीकी देश युगांडा में 15 महिलाओं के एक समूह ने अपने कपड़े उतारकर एक महिला विपक्षी नेता पर पुलिस की कथित यौन हिंसा पर विरोध जताया है। टीवी पर प्रसारित तस्वीरों में एक पुलिस अफसर को इंग्रिड तुरिनाव का स्तन दबाते हुए और फिर तुरिनाव को दर्द में चीखते हुए दिखाया है।

फोरम फॉर डेमोक्रैटिक चेंज पार्टी की नेता तुरिनाव, अगले हफ्ते एक रैली निकालने वाली थीं और पुलिस उससे पहले उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। पुलिस के उप-प्रमुख ऐन्ड्रयू कवीसा ने माफी मांगी है और कहा है कि इस घटना की तहकीकात होगी।

भारत में भी निर्वस्त्र प्रदर्शन : महिलाओं का कपड़े उतारक विरोध प्रदर्शन भारत में हुआ है। वर्ष 2008 में भारत के मणिपुर राज्य में 12 महिलाओं ने कपड़े उतारकर महिलाओं के खिलाफ भारतीय सेना के कथित अत्याचार पर विरोध जताया था।

 
BBC
मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल विशेषाधिकार अधिनियम लागू है जो सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों को विशेष अधिकार देता है। इस कानून का विरोध तब तेज हो गया जब एक स्थानीय महिला मनोरमा का कथित तौर पर सैनिकों ने बलात्कार किया था और उसकी हत्या कर दी थी।

उधर युगांडा के विपक्षी नेताओं का आरोप है कि देश में प्रदर्शनों के दौरान पुलिस उन्हें अक्सर ऐसे ही परेशान करती है।

वर्ष 2011 में विवादों के बीच राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी के दोबारा चुने जाने के बाद विपक्ष ने कई विरोध प्रदर्शन किए हैं। इनमें से कई में हिंसा भड़की है और दर्जनों लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

जनता में गुस्सा : शुक्रवार को इंग्रिड तुरिनाव के साथ हुई इस घटना पर जनता में रोष है। राजधानी कम्पाला में स्थित बीबीसी संवाददाता सिराज कलयान्गो ने बताया कि 15 महिलाओं का समूह अपने कपड़े उतारकर पूरे शहर में घूमते हुए पुलिस मुख्यालय पहुंचा।

इनके हाथ में पोस्टर थे जिनपर लिखा था कि, 'हम आपके निजी अंगों को आहत करें तो आपको कैसा लगेगा?'

इस प्रदर्शन का आयोजन करने वाली बार्बरा आलिमाडी ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया, 'हम पुलिस से पूछना चाहते थे कि वो यहां काम के लिए आते हैं या महिलाओं के साथ यौन हिंसा करने के लिए।'

जब इनमें से छह महिलाओं ने अपनी टी-शर्ट वापस पहनने से इनकार किया तो इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि दो घंटे बाद उन्हें बिना कोई आरोप लगाए छोड़ भी दिया गया।

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