लंदन: 'सेक्स टॉय' की तरह रखी गई हैदराबादी महिला

BBC
लंदन में घरेलू कामकाज के लिए गई हैदराबाद की एक महिला पांच साल तक बलात्कार, मारपीट और धमकियों के तले जीती रही।

लंदन में घरेलू कामकाज के लिए गई हैदराबाद की एक महिला पांच साल तक बलात्कार, मारपीट और धमकियों के तले जीती रही। लंदन में अदालत के अनुसार इस महिला को 'एक सेक्स टॉय' और बंधुआ मजदूर की तरह रखा गया।

इस 39 साल की महिला का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। साल 2003 से लेकर 2006 तक इस औरत ने तीन घरों में काम किया और इसे महज 2300 पाउंड या भारतीय रुपयों में 1.80 लाख के बराबर राशि मिली।

जबकि इसे ब्रितानी कानून के मुताबिक कम से कम 80 लाख से 1.20 करोड़ रुपयों तक मिलना चाहिए था। इस औरत से साल के 365 दिन रोज़ 16 घंटे तक काम लिया जाता था। उनसे उनका पासपोर्ट वहां जाते ही ले लिया गया था।

जब उनसे ज्यूरी ने बात की तो उन्होंने कहा, 'मैं केवल अपने बच्चों का भविष्य बनाना चाहती थी और उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते थे।'

‘जरा भी चैन नहीं’ : पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान इस महिला ने कहा, 'मैं अनपढ़ हूं, इसलिए मुझसे बुरा सुलूक किया जाता है। वो मुझे जरा भी चैन नहीं लेने देते थे।'

इस महिला ने सबसे पहले एक सुपर मार्केट के मैनेजर अलीमुद्दीन मोहम्मद और उनकी पत्नी शमीनी यूसुफ के यहां काम किया।

उसके बाद इन्होंने एक दुकान की मालिक शहनाज बेगम और एनकार्टा बालापोवी के यहां काम किया। तीसरी नौकरी इन्होंने शशी ओबराय और उनके पति बलराम के यहां की।

सरकारी वकील कैरोलीन ह्यूज ने आरोप लगाया कि अभियुक्तों ने पीड़ित महिला को 'जब चाहा तब घरेलू नौकर की तरह, जब चाहा तब एक सेक्स टॉय की तरह और जब चाहा एक मजदूर की तरह इस्तेमाल किया।'

अलीमुद्दीन मोहम्मद के ऊपर 2005 से 2007 के बीच यौन शोषण का आरोप है जबकि इनकी पत्नी के ऊपर मारपीट और चोट पहुंचाने के आरोप लगे हैं।

शहनाज बेगम और एनकार्टा बालापोवी के ऊपर किसी आदमी को शोषण के लिए ब्रिटेन में लाने का आरोप है। बालापोवी के ऊपर जुलाई और अक्टूबर 2007 के बीच पांच बार बलात्कार करने का आरोप है।

शशी ओबराय और उनके पति बलराम के ऊपर मानव तस्करी और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। इस मामले की सुनवाई चल रही है।

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