मतगणना को लेकर विपक्ष की चिंताओं पर बीजेपी की प्रतिक्रिया, चुनाव आयोग क्या बोला

BBC Hindi

मंगलवार, 4 जून 2024 (09:10 IST)
vote counting : देश की 18वीं लोकसभा के लिए मंगलवार को मतगणना शुरू हो गया है। इससे ठीक पहले कुछ पार्टियों ने मतगणना को लेकर सवाल उठाए हैं। 7 चरणों में हुए इन चुनावों में आख़िरी चरण का मतदान एक जून को संपन्न हुआ जिसके बाद एक तरफ़ एग्ज़िट पोल्स सामने आए और दूसरी तरफ़ चुनाव आयोग मतगणना की तैयारियों में जुट गया।
 
लेकिन मतगणना से एक दिन पहले कुछ पार्टियों ने मतगणना को लेकर चिंता जताई है, वहीं चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनावों के दौरान कभी वोटर लिस्ट को लेकर तो कभी ईवीएम को लेकर, फ़ैक नैरेटिव चल रहा है।
 
मतगणना से पहले चुनाव आयोग से मुलाक़ातों का सिलसिला
 
मतगणना से पहले विपक्ष ने चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और अपनी पांच मांगें आयोग के सामने रखीं।
 
इनमें ईवीएम के रिज़ल्ट से पहले पोस्टल बैलट के रिज़ल्ट जारी करने, नियमों के तहत काउंटिंग कराने, सीसीटीवी के ज़रिए मतगणना की मॉनिटरिंग, मशीन से आए डेटा को कन्फ़र्म करने और काउंटिंग के दौरान सील किए ईवीएम को रीकन्फर्म किया जाए।
 
विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से कहा कि 2019 से पहले के नियमों की तरह ही पहले पोस्टल मतपत्रों की गिनती शुरू की जाए।
 
वहीं बीजेपी नेताओं ने भी चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, इसे देखते हुए उन्होंने चुनाव आयोग के सामने कुछ मांगें रखी हैं।
 
बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा कि मतों की गिनती में चुनाव आयोग सभी प्रोटोकॉल्स का पालन करें और काउंटिंग और नतीजों के ऐलान के समय प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
 
उनका कहना था कि उन्होंने आयोग से गुज़ारिश की है कि लोकतंत्र की प्रक्रिया को कमज़ोर करने की कोशिशों का आयोग संज्ञान ले और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ एक्शन लें।
 
विपक्षी दलों की चिंताए, कांग्रेस अध्यक्ष की चिट्ठी
 
सोमवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी सिविल सेवकों और अधिकारियों से अपील करते हुए एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर पोस्ट की।
 
उन्होंने सिविल सेवकों और अधिकारियों को उनके कर्तव्य और संवैधानिक अधिकारों की याद दिलाई और लिखा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अब समस्त ब्यूरोक्रेसी से आग्रह करती है कि वे संविधान का पालन करें, अपने कर्तव्यों का पालन करें और बिना किसी भय, पक्षपात या द्वेष के राष्ट्र की सेवा करें।'
 
'किसी से डरें नहीं। किसी असंवैधानिक तरीक़े के आगे न झुकें। किसी से न डरें और इस मतगणना दिवस पर योग्यता के आधार पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।'
 
भूपेश बघेल का दावा
 
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि मतगणना से ठीक पहले कई क्षेत्रों में मशीनों को बदल दिया गया है।
 
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा, 'चुनाव आयोग ने चुनाव में प्रयुक्त होने वाली मशीनों के नंबर दिए थे। इसमें बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट शामिल हैं। मेरे चुनाव क्षेत्र राजनांदगांव मतदान के बाद फ़ॉर्म 17 सी में जो जानकारी दी गई है‌ उसके अनुसार, बहुत सी मशीनों के नंबर बदल गए हैं। जिन बूथों पर नंबर बदले हैं उससे हज़ारों वोट प्रभावित होते हैं।'
 
फ़ॉर्म 17 सी में बूथ पर ईवीएम सीरियल नंबर, वोटों की संख्या, मतदाताओं की संख्या आदि अन्य जानकारियां होती हैं।
 
बघेल ने लिखा, 'और भी कई लोकसभा क्षेत्रों में यही शिकायतें मिली हैं। हम राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत कर रहे हैं। चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि किन परिस्थितियों में मशीनें बदली गई हैं और चुनाव परिणाम पर होने वाले असर के लिए कौन ज़िम्मेदार होगा?'
 
उन्होंने एक्स पर बदले हुए नंबरों की एक सूची भी जारी की है।
 
अखिलेश यादव का दावा
 
समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर कहा कि 'मिर्ज़ापुर, अलीगढ़, कन्नौज के अलावा उत्तरप्रदेश के कई ज़िलों में ज़िलाधिकारी और पुलिस प्रशासन विपक्ष के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को घरों में नज़रबंद करने का अवैधानिक कार्य कर रहे हैं जिससे वो मतगणना में हिस्सा न ले सकें।'
 
इसके साथ उन्होंने 3 मिनट 32 सेकंड का एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया।
 
उन्होंने लिखा, 'ऐसी घटनाओं को तुरंत रोका जाए व प्रशासनिक रूप से निरुद्ध किए गए लोगों को तुरंत मुक्त किया जाए। जब समस्त राजनीतिक दल शांतिपूर्ण तरीक़े से कार्य कर रहे हैं, ऐसे में शासन-प्रशासन भी ऐसा कोई अनैतिक कार्य न करे जिससे जन-आक्रोश पनपे।'
 
उन्होंने लिखा कि 'उन्हें उम्मीद है कि ऐसे पक्षपाती डीएम और प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत हटाया जाएगा और मतगणना को शांति के वातावरण में सम्पन्न कराया जाएगा।'
 
इससे पहले अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी को घेरा।
 
उन्होंने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा, ''अगर किसी को इस बात का शक है कि वोट क्यों बढ़ रहे हैं। फॉर्म 17सी में पूरी जानकारी है कि किसको कितने वोट मिले हैं। जो पोलिंग एजेंट हैं, उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग की है।'
 
बीजेपी का क्या है जवाब?
 
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि विपक्ष चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र पर आघात कर रहा है।
 
उन्होंने कहा, 'कई लोग ये शक करने लगे हैं कि कौन-सी ऐसा शक्तियां थीं जिन्होंने भारत के अंदर अनरेस्ट पैदा करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा। आज भारतीयों के मन में ये संदेह है कि चुनाव के परिणाम से पहले जिनके द्वारा जाने या अनजाने में ये लोग संचालित होते हुए नज़र आ रहे हैं।'
 
'अनेक मीडिया में इस तरह की बातें आई थीं कि देश की भीतर और बाहर बहुत सी शक्तियों ने इस बात के प्रयत्न और संकल्प किया था कि वो सरकार को नहीं आने देंगे।'
 
'आप लड़िए ईमानदारी से और नतीजों को स्वीकार करिए। अब इनका नारा हो गया है- लोकतंत्र नहीं सुहाता है, इसलिए केवल बवाल मचाना आता है।'
 
उन्होंने कहा कि 'साबित हो गया है कि न कांग्रेस को सरकार चलाना आता है और न ही एक परिपक्व विपक्ष की भूमिका निभाना आता है।'
 
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
 
छत्तीसगढ़ के मुख्य चुनाव आयोग ने भूपेश बघेल के आरोपों का जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार के साथ शेयर की गई ईवीएम मशीन की संख्या में कथित मिसमैच का आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं है। जो मशीनें मतदान में इस्तेमाल की गईं, उन्हीं की लिस्ट साझा की गई है।'
 
'मॉक ड्रिल के दौरान तकनीक ख़राबी के कारण मशीनों को बदला गया था। उनकी लिस्ट भी उम्मीदवार के साथ साझा की गई थी।'
 
चुनाव आयोग ने कहा, 'मतदान एजेंटों ने मतदान शुरू होने से पहले ईवीएम को सील करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेपर सील पर साइन किए हैं।'
 
'कैंडिडेट्स को मतदान से पहले और बाद में दिए गए बैलेट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट के यूनिक नंबर्स को साझा की गई लिस्ट के साथ वेरिफाई किया जा सकता है।'
 
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि आम चुनावों के दौरान चुनावों पर असर डालने के लिए 'फर्जी' और 'भ्रामक' नैरेटिव फैलाए गए।
 
उन्होंने इलेक्टोरल रोल में गड़बड़ी, ईवीएम की क्षमता, वोटर टर्नआउट और मतगणना की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष के सवालों का उत्तर देते हुए कहा, 'आप अफ़वाहें फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते।'
 
उन्होंने कहा है कि पहले चरण के मतदान से ठीक पहले सालों पुराने मामलों को उठाया गया। उन्होंने कहा, 'ये नहीं कह रहा कि ये टूलकिट है लेकिन ये एक पैटर्न है, एक डिज़ाइन है।'
 
उन्होंने कहा कि चुनावों में बाहरी हस्तक्षेप न हो इसके लिए चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं। उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि हम चुनावों के दौरान फर्जी नैरेटिव समझने में फेल रहे, लेकिन अब समझ गए हैं।'
 
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश के जिला मजिस्ट्रेटों को प्रभावित किए जाने के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि, 'आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि किस डीएम को प्रभावित किया गया। मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले हमें बताना चाहिए।'
 
आयोग ने इस मामले में जयराम रमेश को चिट्ठी लिखी जिसमें आयोग ने कहा कि 'किसी भी डीएम ने प्रभावित करने जैसी घटना के बारे में नहीं बताया है।'
 
इससे पहले जयराम रमेश ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिला मजिस्ट्रेटों और कलेक्टरों को बुला रहे थे और 'खुलेआम और बेशर्मी से' डराने-धमकाने में लगे थे।
 
उन्होंने आरोप लगाया था कि शाह 150 जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टरों से बात कर चुके हैं। चुनाव के दौरान डीएम और कलेक्टर अपने-अपने जिलों के रिटर्निंग अधिकारी होते हैं।
 
पहले पोस्टल मतपत्रों को खोलने के विपक्ष की गुज़ारिश पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले पोस्टल मतपत्रों की गिनती और ईवीएम में दर्ज मतों की गिनती 30 मिनट बाद शुरू होगी।
 
उन्होंने कहा, '2019 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। जैसे ही ईवीएम की गिनती ख़त्म होती है, पांच रैन्डम वीवीपैट की गिनती शुरू हो जाती है।'
 
चुनाव की प्रक्रिया
 
देश में लोगसभा के लिए 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में मतदान हुआ। इस दौरान चार राज्यों की विधानसभा के लिए भी मतदान हुए। चुनाव आयोग के अनुसार इस दौरान देश में 96.8 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 64.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
 
मंगलवार को 543 में से 542 लोकसभा सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल को पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है।

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