मंगलसूत्र पहनने पर हुई टीवी बहस, बढ़ा विवाद

शुक्रवार, 13 मार्च 2015 (11:41 IST)
- इमरान कुरैशी
 
गुरुवार की सुबह चेन्नई में एक टेलीविज़न चैनल के कार्यालय पर हुए बम हमले के बाद से कई हिंदूवादी संगठन चर्चा में हैं। बहस इस बात को लेकर है कि क्या वो सांस्कृतिक ताने-बाने को लेकर अपनी विचारधारा थोपना चाहते हैं?
दरअसल पुथियाथालैमुरई चैनल ने अपने एक कार्यक्रम में इस बात पर सवाल खड़े किए थे कि खुद को शादीशुदा दिखाने के लिए क्या महिलाओं को मंगलसूत्र पहनना चाहिए?
 
चैनल के सीईओ श्यामकुमार ने हमले के बारे में बीबीसी को बताया, 'यह बहुत बड़ा विस्फोट नहीं था लेकिन जैसे ही आवाज़ आई, हमारे सुरक्षा गार्डों ने पुलिस को सूचना दे दी। रविवार को हमें एक खास कार्यक्रम प्रसारित करना था लेकिन हम नहीं कर सके क्योंकि हमारे ऑफ़िस के बाहर प्रदर्शन हो रहा था।'
 
जब इस प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया जा रहा था तो झड़प में चैनल के कैमरामैन और कुछ अन्य लोग घायल हो गए थे, कैमरा भी टूट गया था। इसके बाद इस कार्यक्रम का प्रसारण बंद कर दिया गया था।
 
हमले के लिए टिफ़िन बॉक्स कहे जाने वाले दो बमों का इस्तेमाल किया गया जिनसे जानमाल का उतना नुकसान नहीं हुआ। लेकिन इस हमले को चैनल के ऑफ़िस के सामने हुए प्रदर्शन से जोड़कर देखा गया।
 
बम फेंकने में कथित रूप से शामिल पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया। उनके नेता वीरा पांडियान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए मदुरै पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
हिंदू सेना का हाथ : गिरफ़्तार लोग हिंदू सेना नामक संगठन से संबंधित हैं। यह धड़ा हिंदू मुन्नानी संगठन से अलग हुआ है। सीईओ श्यामकुमार ने बताया, 'हमने पुलिस को बताया कि यह हमला कुछ कट्टरपंथी संगठनों की ओर से किया गया है।'
 
तमिलनाडु में राजनीतिक दलों से जुड़े चैनलों की भीड़ में पुथियाथालैमुरई न्यूज चैनल की छवि निष्पक्ष चैनल की है। तमिलनाडु में बड़े राजनीतिक दलों के अपने समाचार टेलीविजन चैनल हैं।
 
हालांकि हिंदू मुन्नानी के उपाध्यक्ष जी कार्तिकेयन ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी है जिसमें लिखा है, 'हिंदू मुन्नानी को बदनाम करने के लिए किसी ने ये काम किया है।'
 
प्रदर्शन के बाद हमला : शिकायत के अनुसार, 'ये इसलिए किया गया है ताकि रविवार के प्रदर्शन के मामले में जब शुक्रवार को अदालत के सामने ज़मानत याचिका आए तो वो ख़ारिज हो जाए। पुलिस असली दोषियों को गिरफ्तार करे।'
 
श्यामकुमार के अनुसार, 'पिछले कुछ महीनों से चैनल को उन कट्टरपंथी संगठनों की ओर से निशाना बनाया जाता रहा है, जो हमारे कुछ कार्यक्रमों को लेकर विरोध करते रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाना है।'
 
जबकि हिंदू मुन्नानी के उपाध्यक्ष जी कार्तिकेयन मंगलसूत्र पहनने के सवाल पर आयोजित कार्यक्रम के ख़िलाफ हुए प्रदर्शन को सही ठहराते हैं।
 
उनके अनुसार, 'वो समाजिक या राजनीतिक मुद्दों पर बहस कर सकते हैं, न कि भावनात्मक मूल्यों या विश्वास पर।'
 
वे कहते हैं, 'टेलीविजन के लोगों में महिलाओं के पर्दा करने पर बहस करने का साहस नहीं है। उनमें ईसाई महिलाओं के बारे में बात करने का साहस नहीं है। हरेक का अपना विश्वास है, मान्यता है, आप इन मुद्दों को नहीं छेड़ सकते।'

वेबदुनिया पर पढ़ें