पृथ्वी अदभुत नज़ारों से भरी है। जानें पृथ्वी की सतह पर फैले पानी के 14 दिलकश नजारों के बारे में:-
ग्रैंड प्रिस्मेटिक स्प्रिंग, यूएसए: अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क में स्थित है ये बहुरंगी ग्रैंड प्रिस्मेटिक स्प्रिंग। 90 मीटर में फैला ये स्प्रिंग 50 मीटर गहरा है। यह झरना बेहद गर्म पानी वाला है। इसके रंग लाल से हरे बदलते रहते हैं। मध्य भाग में नजर आता है नीला रंग, उस वक्त पानी का तापमान 87 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
स्पॉटेड लेक, कनाडा: ये तस्वीर है कनाडा की स्पॉटेड झील की। खारे पानी की ये झील खनिज युक्त लवणों से भरी है। जिसमें सल्फेट, सिल्वर और टाइटेनियम शामिल हैं। ये गोलाकार स्पॉट गर्मियों में नजर आते हैं जब पानी सूखता है। ब्रिटिश कोलंबिया में स्थित इस झील को स्थानीय लोग कलीलुक कहते हैं और इससे डरते भी हैं। क्योंकि पहले विश्व युद्ध के दौरान इस झील के लवणों का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया गया था।
लेक रेटबा, सेनेगल: स्ट्राबेरी पिंक लेमोनेड से भरा ये विशाल पूल नजर आत है- सेनेगल की झील, लेक रेटबा। इसमें नमक काफी ज़्यादा है लिहाज़ा इस पर तैरना संभव है। यह नमक उत्पादन करने के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। ये झील सेनेगल के अटलांटिक समुद्री तट पर स्थित है।
ब्लड फॉल्स, अंटार्टिका: उत्तरी अंटार्टिका के जमे हुए निर्जन में लाल रंग वाला जलप्रपात टेलर ग्लेशियर में स्थित है। इसमें बेहद खारे पानी की झील से जल आता है जो दो ग्लेशियर के बीच में स्थित है। यह बीते 20 लाख सालों से चला आ रहा है। लौह तत्वों की मात्रा ज्यादा होने के चलते पानी के बाहर आने पर, ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही वो जंग में तब्दील होने लगता है, जिसके चलते जल प्रपात का रंग लाल होने लगता है।
कानो क्रिस्टेल्स, कोलंबिया: सितंबर से लेकर नवंबर के बीच, इस नदी का पानी सामान्य पानी से बदलकर इंद्रधनुषी रंग का हो जाता है। इसके लाल, नीला, हरा और नारंगी रंगों की वजह है यहां होने वाला माकारिना क्लेवेगरा प्रजाति का पौधा। ये नदी मैकेराना के पर्वतीय इलाके के दूर दराज क्षेत्र में स्थित थी। 2000 के मध्य तक विद्रोहियों की सक्रियता से यहां आने जाने पर पाबंदी थी।
ब्वॉइलिंग लेक, डोमेनिका: नाम के मुताबिक ही ये झील उबलते पानी की झील है। ये डोमेनिका के मोरन ट्रोइस पिट्नस नेशनल पार्क में स्थित है। इस झील के पानी के उबलने की वजह इसके नीचे लगातार सुलगता लावा है। इसमें तैरना मौत को गले लगाना जैसा है।
सलार डे यूनी, बोलविया: यह खूबसूरत नजारा 10582 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। दुनिया का सबसे बड़ा मैदानी नमक का इलाका। बारिश के दिनों में नमक बहकर आस पड़ोस की झील में फैल जाता है और झील के पानी को बड़े दर्पण में बदल देता है। इस इलाके में लिथियम काफी पाया जाता है।
पामुकाले ट्रावेर्टाइन टेरेस, टर्की : इसे कॉटन कासल के नाम से भी जाना जाता है और ये प्राचीन रोमन शहर हेयरोपोलिस से सटा हुआ है। ये टेरेस और शहर दोनों यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हैं।
पिच लेक, त्रिनिदाद: ये काले रंग की झील दुनिया का सबसे बड़ा प्रकृतिक टार और डॉमर भंडार है। टार और डामर में पानी की बूंदे मिलकर कई तरह के जैविक जंतुओं को जन्म देती है। इस लिहाज़ से इस झील में ऐसे असंख्य जंतुओं की मौजूदगी है।
लोकटाक लेक, भारत: भारत के मणिपुर में स्थित ये झील बायो-जैविक तौर पर संपदा से भरी है। इस झील में भारतीय अजगर और होलॉक प्रजाति के लंगूर पाए जाते हैं। झील धब्बेदार जमीनी और वनस्पतीय हिस्से से भरा है, जिसे फूमडी कहते हैं। इसका पानी नजदीकी हायड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के लिए भी इस्तेमाल होता है।
मानीकूगन रिज़रवोयर, कनाडा: इसे आई ऑफ क्यूबेक कहते हैं। मानीकूगन झील, एक उल्का के गिरने से बना है। हालांकि इसके मध्य का हिस्सा ऊंचाई वाला है। सबसे ऊंची जगह को माउंट बेबल कहते हैं। ये झील करीब 2000 किलोमीटर के इलाके में फैली हुई है।
प्लेटविक लेक, क्रोएशिया : क्रोएशिया के नेशनल पार्क में 16 झील एक दूसरे से जुड़ी हैं और ये एक दूसरे से प्राकृतिक बांध से अलग होती हैं। 1949 में इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में जगह दी गई है। इसमें वन बिलाव, यूरोपीय बिल्ली और भेड़ियों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं।
केलिमूटू क्रेटर लेक, इंडोनेशिया : इंडोनेशिया के केलिमूटू ज्वालामुखी के ऊपर तीन झील स्थित हैं और तीनों अलग-अलग रंग की हैं। ये अपने रंग भी बदलती रहती हैं। नीले से हरे, लाल, काले और चाकलेट ब्राउन रंग। तीनों झीलों के पानी का तापमान और रासायनिक गुण अलग-अलग हैं।
शैंपेन पूल, न्यूजीलैंड: इस झील के पानी में शैंपेन की ही तरह कार्बन डायक्साइड का बुलबुला लगातार निकलता रहता है। ये झरना 900 साल पहले अस्तित्व में आया और इसकी सतह का तापमाना 74 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस झील के पानी में आर्सेनिक और एंटीमनी सल्फायड मौजूद है। इसके आसपास के पहाड़ों में पारा, थैलियम, सोना और चांदी पाए जाते हैं।