पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था इसलिए उसे छूट देने के लिए यह उपयुक्त मामला नहीं है। हालांकि शीर्ष अदालत ने मामले में नोटिस जारी किया और प्रतिवादियों से 6 सप्ताह में जवाब मांगा। जुलाई 2004 में अमृतसर की एक निचली अदालत ने याचिकाकर्ता बलजिंदर सिंह को उसकी शादी के 2 साल के भीतर अपनी पत्नी की मौत के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत दोषी ठहराया था। पुलिस ने आरोप लगाया कि महिला को दहेज के लिए उसके ससुराल में उत्पीड़न और क्रूरता का सामना करना पड़ा।(भाषा)