छत्तीसगढ़ नक्सली हमला: जम्मू के राकेश्वर सिंह मनहास लापता, परिवार ने की प्रधानमंत्री मोदी से भावुक अपील

BBC Hindi

मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (16:35 IST)
मोहित कंधारी (बीबीसी के लिए, जम्मू से)
 
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में शनिवार को हुए नक्सली हमले के बाद से जम्मू के नेत्रकोटी गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ़ के 22 जवान शहीद हुए थे और 32 घायल हैं। लेकिन सीआरपीएफ़ का एक जवान अब भी लापता है। लापता जवान की पहचान राकेश्वर सिंह मनहास के नाम से हुई है, जो इसी गांव के रहने वाले हैं। राकेश्वर सिंह साल 2011 में सीआरपीएफ़ में भर्ती हुए थे। इससे पहले उनके पिता जगतार सिंह भी सीआरपीएफ़ में ही थे। राकेश्वर सिंह सुरक्षा बलों के उस अभियान दल में शामिल थे, जो इसी शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा के जंगलों में नक्सलियों की खोज में निकला था।
 
दुआएं मांग रहा है परिवार
 
सूचना के आभाव में पिछले तीन दिनों से राकेश्वर सिंह मनहास का पूरा परिवार और आस-पड़ोस के लोग उनकी सलामती की दुआ मांग रहे हैं। सोमवार को जब मीडियाकर्मी उनके घर पहुंचे तो उनके परिवार के सदस्यों ने भावुक होकर केंद्र सरकार से मांग की कि वे जल्द से जल्द राकेश्वर सिंह की सकुशल रिहाई सुनिश्चित कराएं। सरकार की तरफ़ से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस से पहले रविवार दोपहर नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीज़न ने दावा किया था कि राकेश्वर उनके पास हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें समय आने पर छोड़ दिया जाएगा और उनकी एक फ़ोटो भी जल्द भेजेंगे।
 
राकेश्वर का परिवार बेहाल है
 
शनिवार शाम से छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले की ख़बरें सुनकर राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू चिब और उनकी मां कुंतीदेवी सदमे में हैं। रह-रहकर उनकी 5 साल की बेटी अपने पिता के घर लौटने की बात करती हैं और फिर चुपचाप मां की गोद में बैठ जाती हैं।
 
अपने घर में पत्रकारों से बात करते हुए मीनू चिब ने बताया, 'शुक्रवार देर शाम 9.30 बजे मैंने अपने पति से आख़िरी बार बात की थी। वो उस समय ऑपरेशन पर जाने से पहले अपना टिफ़िन पैक कर रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं ऑपरेशन ड्यूटी पर जा रहा हूं और वापस लौटकर बात करूंगा। उस के बाद से मेरा उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है।'

 
मीनू ने आगे बताया, 'नक्सली हमले की ख़बर सुनने के बाद शनिवार को जब मैंने सीआरपीएफ़ के ग्रुप सेंटर बन्तालाब के कंट्रोल रूम फ़ोन किया तो वहां से भी कोई ठोस सूचना प्राप्त नहीं हुई।'
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए मीनू चिब ने कहा किसी भी क़ीमत पर नक्सलियों से उनके पति की रिहाई ठीक वैसे ही सुनिश्चित की जाए, जैसे भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन के पाकिस्तान में पकड़े जाने के बाद उन्हें रिहा करवाया गया था। मीनू ने कहा, 'मेरे पति 10 साल से देश के लिए लड़ रहे हैं। आज मौक़ा है, जब देशवासी उनके लिए संघर्ष करें। उनके लिए प्रार्थना करें। भगवान करे, वह जल्द, सुरक्षित लौट आएं।'
 
इस बीच सोमवार को जम्मू स्थित सीआरपीएफ़ ग्रुप सेंटर के कमांडेंट पीसी गुप्ता अन्य अधिकारियों के साथ राकेश्वर सिंह के परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें आश्वस्त किया कि वो उनके साथ खड़े हैं और छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ़ के संपर्क में हैं।

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