इनमें से ज़्यादातर मौतों को रोका जा सकता है। दिल की बीमारी की वजह से मरने वाले इन लोगों में एक चौथाई 75 साल से कम उम्र के हैं। पीएचई के हृदयरोग मामलों के प्रमुख जैमी वॉटरआॉल कहते हैं, "दिल की बीमारी और दौरे के ख़तरों से निबटने को बुढ़ापे के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए।"
पीएचई के मुतबिक सर्वे में शामिल आधे से अधिक लोगों को अपने ब्लड प्रेशर के बारे में जानकारी नहीं थी। इंग्लैंड में रह रहे 56 लाख लोगों का ब्लड प्रशर ज़्यादा है, लेकिन उन्हें इस बारे में पता नहीं है। ब्रिटिश हॉर्ट फाउंडेशन के डॉक्टर माइक नैपटन कहते हैं कि ये चिंता की बात है।
वो कहते हैं, "यदि इलाज न किया जाए तो ये ख़ामोश परिस्थितियां ख़तरनाक़ दिल के दौरे तक पहुंचा सकती हैं।" ब्लड प्रेशर यूके से जुड़ी कैथरीन जेनर कहती हैं कि ब्लड प्रेशर की जांच कराना जीवन को लंबा करने की दिशा में पहला क़दम हो सकता है।