...तो नपुंसकता की असली वजह कुछ और है!

सोमवार, 10 अप्रैल 2017 (11:07 IST)
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शरीर आपका है और उसमें कमियों को महसूस भी आप ही को करना होगा। शरीर का हर अंग जरूरी होता है और कोई भी अंग शर्मिंदगी का कारण नहीं होता।
 
हर बीमारी को लेकर जैसे हम खुलकर बात करते हैं, वैसे ही अपने गुप्तांगों में किसी समस्या को लेकर भी शर्मिंदगी नहीं सतर्क रहने की जरूरत है। दुनियाभर में लाखों लोग नपुंसकता या नामर्दी से जूझ रहे हैं। कई बार यह हमेशा के लिए नहीं होता है और कुछ लोगों को इसका सामना छोटे वक्त के लिए भी करना पड़ता है। क्या आपको पता है कि पुरुषों में नपुंसकता के पीछे क्या कारण हैं?
 
नपुंसकता ज्यादा उम्र के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या है हालांकि इसकी चपेट में युवा भी आ जाते हैं। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के एक अनुमान के मुताबिक 40 से 70 की उम्र वाले आधे से ज्यादा लोग कुछ हद तक इससे पीड़ित रहते हैं। एंजेला ग्रेगरी एक थैरेपिस्ट हैं और नपुसंकता के मामलों को देखती हैं। 
 
उन्होंने बीबीसी से अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि मैं पिछले 16 सालों से इन मामलों को देख रही हूं। खासकर पिछले 5 सालों में युवाओं में ऐसी शिकायतें बढ़ी हैं। ज्यादा उम्र वाले लोगों की नपुंसकता का संबंध डायबिटीज या हृदयरोग से है। युवाओं में ऐसी कोई बीमारी नहीं होती है। यदि युवा हमारे पास आते हैं तो हम लोग उनसे हमेशा कुछ सवाल पूछते हैं। ये सवाल हस्तमैथुन की लत और पॉर्नोग्राफी से जुड़े होते हैं। अपनी पार्टनर के सामने लाचार होने की एक बड़ी वजह ये भी हो सकती हैं।
 
नपुंसकता एक दिमागी फितूर है
1998 में यौन क्षमता पर पुरुषों की धारणा को लेकर पहली बार वैश्विक स्तर पर एक सर्वे किया गया। इंटरनेशनल सोसायटी फॉर इम्पोटेंस रिसर्च इन एम्सटर्डम में इसकी पड़ताल को पेश किया गया। इसमें ज्यादातर लोगों ने कहा था कि नपुंसकता उनके दिमाग में है।
 
यह सर्वे 10 देशों में 4 हजार से ज्यादा लोगों पर किया गया था। इस स्टडी में सभी देशों के औसत 50 फीसदी लोगों का मानना था कि नपुंसकता की वजह मनोवैज्ञानिक है। यह सच है कि नामर्दी में तनाव, पार्टनर से समस्या, चिंता और अवसाद के साथ दिमागी फितूर की बड़ी भूमिका होती है।
 
ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम का कहना है कि उदाहरण के तौर पर हस्तमैथुन के वक्त आपको कोई समस्या नहीं होती है। कई बार जब आप बिस्तर से उठते हैं तब भी आप ठीक होते हैं, लेकिन जब सेक्स पार्टनर के पास जाते हैं तो खुद को लाचार पाते हैं।
 
अगर ऐसा है तो इसमें मनोवैज्ञानिक कारण होने की आशंका ज्यादा होती है। किसी भी स्थिति में आपका अंग काम नहीं कर रहा है तब यह शारीरिक समस्या है, लेकिन केवल सेक्स पार्टनर के सामने आप खुद को लाचार पा रहे हैं तो यह समस्या मनोवैज्ञानिक है।
 
ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रोल या डायबिटीज की स्थिति में लिंग की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। अमेरिका में हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल के खास पब्लिकेशन के अनुसार दिल की बीमारी के कारण भी नपुंसकता बढ़ती है। धमनियों के बंद होने से न केवल हृदय की रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं बल्कि पूरे शरीर पर असर पड़ता है।
 
यहां तक कि लिंग में तनाव नहीं आने की बीमारी से पीड़ित 30 फीसदी लोग हृदयरोग से पीड़ित होते हैं। इसकी वजह हार्मोनल, सर्जरी और चोट भी हो सकती है।

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