कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने ये दावा किया है कि पाकिस्तान की संसद में एक बहस के दौरान भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम के नारे लगाए गए। ऐसा कहा जा रहा है कि उस वक़्त संसद में फ्रांस में हुई एक शिक्षक की हत्या को लेकर बहस चल रही थी। तब जान-बूझकर पाकिस्तानी सांसदों ने पीएम मोदी का नाम लिया। लेकिन क्या वाकई पाकिस्तान की संसद भारतीय प्रधानमंत्री के नाम के नारे लगाए गए थे? क्या है सच?
क्या हुआ था संसद में?
सोमवार को पाकिस्तान में विपक्ष के नेता ख़्वाजा आसिफ़ फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून प्रकाशित होने की निंदा करने के प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग कर रहे थे। इस मांग में अन्य सांसद भी शामिल थे। फ्रांस में ये विवादित कार्टून एक क्लास में दिखाने के बाद एक शिक्षक की हत्या कर दी गई थी। शिक्षक अभिव्यक्ति की आज़ादी के बारे में पढ़ा रहे थे।
इस घटना की निंदा करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दिए बयान पर कुछ मुस्लिम देशों में नाराज़गी ज़ाहिर की गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी उनके बयान की आलोचना की। पाकिस्तान में सरकार और विपक्ष दोनों इस विवाद पर अपने-अपने प्रस्ताव लेकर आए। बहस के दौरान जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सदन को संबोधित करना शुरू किया तब विपक्ष ने 'वोटिंग', 'वोटिंग' के नारे लगाने शुरू कर दिए। विपक्ष सरकार के प्रस्ताव की बजाए अपने प्रस्ताव पर वोटिंग किए जाने की मांग कर रहा था।
भारतीय मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर इसी 2 मिनट के एक छोटे-से वीडियो को चलाया गया जिसमें वीडियो का कोई संदर्भ नहीं बताया गया था। टाइम्स नाउ, इंडिया टीवी, इकोनॉमिक्स टाइम्स और सोशल मीडिया यूज़र्स सभी ने ये ग़लत दावा किया कि पाकिस्तान में विपक्ष के नेताओं ने इमरान ख़ान को नीचा दिखाने के लिए 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए।
इसके बाद इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट हटा ली है। टाइम्स नाउ ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है लेकिन उसकी रिपोर्ट इंटरनेट पर अब भी मौजूद है जिसमें पाकिस्तानी संसद में बहस की वीडियो क्लिप लगी हुई है।
क्या संसद में मोदी का नाम लिया गया?
पाकिस्तान की संसद में पीएम मोदी का नाम लिया गया था लेकिन बाद में और किसी अन्य संदर्भ में। पीएम मोदी का नाम तब सामने आया था, जब शाह महमूद कुरैशी ने विपक्ष पर भारतीय एजेंडे के मुताबिक बोलने का आरोप लगाया।
तीखी बहस के दौरान विदेश मंत्री कुरैशी ने दावा किया कि विपक्ष सेना के अंदर दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इसे पाकिस्तान विरोधी राय बनाने की कोशिश कहा। तब सरकार के समर्थक उर्दू में ये नारा लगाने लगे- 'मोदी का जो यार है, ग़द्दार है, ग़द्दार है'। उन्हें ये नारे लगाते साफ सुना जा सकता है। लेकिन भारत में चलाई गई ख़बरों में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है।
भारत में जिस वीडियो को दिखाकर ये दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी संसद में विपक्ष ने मोदी समर्थन में नारे लगाए, वो बिलकुल अप्रासंगिक है। आप पाकिस्तान की संसद में हुई बहस यहां देख सकते हैं। ऐसा पहले भी हो चुका है, जब पाकिस्तान में हुई घटनाओं को भारत में ग़लत तरीके पेश किया गया हो। हाल ही में भारतीय मीडिया में दिखाया गया था कि पाकिस्तान के शहर कराची में गृहयुद्ध छिड़ गया है लेकिन यह ख़बर सही नहीं थी।