अभिनंदन की रिहाई पर पाकिस्तान में बवाल, इमरान सरकार ने किया दबाव से इनकार

शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020 (07:55 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई के लिए देश पर कोई दबाव नहीं था। इससे एक दिन पहले विपक्ष के एक शीर्ष नेता ने कहा था कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने देश पर भारत के हमले के डर से उच्चस्तरीय बैठक में पायलट को रिहा किए जाने का अनुरोध किया था।
 
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पाकिस्तान की सेना ने 37 साल के भारतीय वायु सेना के पायलट को 27 फरवरी 2019 पकड़ लिया था। इससे पहले पाकिस्तान ने उनके ​मिग—21 बाइसन जेट विमान को मार गिराया था।
 
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना के जेट विमानों ने 26 फरवरी 2019 को तड़के पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के शिविरों पर बमबारी की थी। पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
 
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना के जेट विमानों ने 26 फरवरी 2019 को तड़के पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के शिविरों पर बमबारी की थी। पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
 
अभिनंदन ने मिग को गिराये जाने से पहले पाकिस्तान के एफ—16 लड़ाकू विमान को ​मार गिराया था। पाकिस्तान ने उन्हें एक मार्च की रात को रिहा कर दिया था।
 
उस दिन के तनाव को याद करते हुए इस्लामाबाद में नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अयाज सादिक ने कहा, 'पैर कांप रहे थे, माथे पर पसीना था और विदेश मंत्री (कुरैशी) ने हमसे कहा, अल्लाह के लिए उन्हें (अभिनंदन) अब वापस जाने दो, क्योंकि भारत रात नौ बजे पाकिस्तान पर हमला करने ही वाला है।'
 
उन्होंने कहा, 'भारत हमले की योजना नहीं बना रहा था...वे केवल इतना चाहते थे कि पाकिस्तान भारत के सामने झुक जाए और अभिनंदन को वापस भेजा जाए।'
 
सादिक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुये विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर पाकिस्तान पर कोई दबाव नहीं था।
 
प्रवक्ता ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'पाकिस्तान सरकार ने यह ​निर्णय शांति के मद्देनजर लिया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस फैसले का स्वागत किया था।' (भाषा) 

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